Farmers Protest: चुनावों के पहले ही क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान, 17वीं लोकसभा का सत्र खत्म हो गया तो कैसे लागू होगा कानून
Farmer Protest: किसानों के दिल्ली चलो प्रदर्शन को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर कई अवरोध लगाए गए हैं. इस बीच भारतीय किसान मजदूर मोर्चा के ने बताया कि सरकार कैसे कानून लागू कर सकती है.
Farmer Delhi Chalo March: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों को हरियाणा में एंट्री करने से रोकने के लिए कई तरह के अवरोध लगाए गए हैं. इस बीच भारतीय किसान मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा कि हमारी मंशा सरकार के खिलाफ जाने की नहीं है. इस दौरान उन्होंने बताया कि संसद का सत्र खत्म होने के बाद भी सरकार कैसे किसानों की मांगों को लेकर कानून बना सकती है.
कैसे बन सकता है कानून?
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए भारतीय किसान मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा, "लोकसभा चुनाव को दो महीने ही बचे हैं, जब-जब हमने देखा कि इन्होंने (केंद्र सरकार) कानून नहीं बनाए हैं, तब हमें मजबूरन फिर से आंदोलन करना पड़ा. सरकार चाहे तो स्पेशल सेशन बुलाकर कानून लागू कर सकती है, जो नोटिफिकेशन जारी होगा उनके एक-डेढ़ महीने बाद लागू हो जाएगा."
सरकार अपने वादे से मुकरी
उन्होंने कहा, "दिक्कतें सरकार की तरफ से है, उन्होंने ही यहां बैरिकेट लगाए हैं. पूरे पंजाब से हम रोड से आए हैं, किसी को कोई दिक्कतें नहीं आई. पीएम नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री ने साल 2021-22 में हुए किसान आंदोलन के बाद जो वादे किए थे अब उससे मुकर रहे हैं. उस समय उन्होंने कहा था कि एमएसपी पर कानून बनाएंगे, किसानों को कर्ज मुक्त करेंगे, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे. दो साल इंतजार खत्म होने के बाद भी इन्होंने अभी तक कुछ लागू नहीं किया है."
17वीं संसद का साल का आखिरी सत्र शनिवार (10 फरवरी, 2024) को समाप्त हो गया. यह 17वीं संसद का अंतिम सत्र था. 17वीं लोकसभा में एक साल में एवरेज 55 बार बैठक हुई. किसानों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए दिल्ली से लगे सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और गौतमबुद्ध नगर की समीओं पर भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं.
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