आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल ने अपनी मांग सुप्रीम कोर्ट में रखने की इच्छा जताई, जजों ने कहा- पहले मेडिकल सहायता लीजिए
SC on Jagjeet Dallewal: पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच को बताया कि डल्लेवाल के आस-पास आंदोलनकारियों ने घेरा बनाया हुआ है.
SC on Jagjeet Dallewal: पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने मेडिकल सहायता लेने से मना कर दिया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार तुरंत उनकी जरूरी स्वास्थ्य जांच करवाए. शुक्रवार (20 दिसंबर, 2024) को दोपहर 12.30 बजे इस मामले को फिर सुना जाएगा.
बुधवार (19 दिसंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सहायता देने को कहा था. कोर्ट ने कहा कि 20 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता का जीवन अनमोल है. इसे बचाने के लिए राज्य सरकार जरूरी कदम उठाए. उनके साथी किसान भी मेडिकल सहायता का विरोध न करें, न ही डल्लेवाल पर ऐसा करने का दबाव बनाएं.
डल्लेवाल को बलपूर्वक ले जाना नुकसानदेह
पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच को बताया कि डल्लेवाल के आस-पास आंदोलनकारियों ने घेरा बनाया हुआ है. उन्हें बलपूर्वक वहां से ले जाना नुकसानदेह हो सकता है. फिलहाल धरना स्थल के पास ही एक इमारत को अस्थायी अस्पताल में बदल दिया गया है. आपातकालीन स्थिति में उसका इस्तेमाल किया जाएगा.
जज ने किस बात पर जताई नाराजगी
जज इस बात से संतुष्ट नज़र नहीं आए. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले की गंभीरता को समझता है, इसलिए सख्त आदेश नहीं दे रहा, लेकिन किसी को भी कोर्ट को हल्के में नहीं लेना चाहिए. जजों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि पंजाब सरकार बिना जरूरी स्वास्थ्य जांच किए डल्लेवाल की स्थिति सही बता रही है.
किसान नेता की बात जरूर सुनेगी कोर्ट, लेकिन…
बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि वह किसानों चाहें तो अपनी बात सीधे उसके सामने रख सकते हैं. पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा कि डल्लेवाल खुद कोर्ट से ऑनलाइन जुड़ कर अपनी मांगों के बारे में बताना चाहते हैं. इस पर बेंच ने कहा कि वह किसान नेता की बात जरूर सुनेगी, लेकिन पहले उनका स्वास्थ्य स्थिर होना ज़रूरी है.
मणिपुर की इरोम शर्मिला का उदाहरण
जस्टिस कांत ने कहा कि वह अनशन खत्म करने नहीं कह रहे हैं, लेकिन बिना मेडिकल सहायता के इसे जारी रखना जानलेवा है. जस्टिस भुइयां ने मणिपुर की इरोम शर्मिला का उदाहरण दिया, जिन्होंने मेडिकल सहायता से कई वर्षों तक अनशन जारी रखा.
शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने को लेकर सुनवाई चल रही
पंजाब के किसान संगठन लंबे समय से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसके चलते शंभु और खनौरी बॉर्डर समेत कई रास्ते बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन के चलते बंद पंजाब और हरियाणा के बीच के शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने को लेकर सुनवाई चल रही है. खनौरी बॉर्डर पर ही संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं.
यह भी पढ़ें- ‘मैं चला जाता तो...’, हरियाणा में कांग्रेस के हारने के पीछे सत्यपाल मलिक ने बताई ये वजह