किसान मोर्चा से योगेंद्र यादव के निलंबन पर राकेश टिकैत ने दी पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा
Rakesh Tikait on Yogendra Yadav Suspension From SKM: सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को SKM से एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. इस पर राकेश टिकैट का कहना है कि वे छुट्टी पर गए हैं.
Rakesh Tikait on Yogendra Yadav Suspension From SKM: सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को संयुक्ति किसान मोर्चा (SKM) से एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल, सस्पेंड करने की वजह योगेंद्र यादव का लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाने को बताई जा रही है. किसान मोर्चा के इस फैसले पर बीते दिन यानी शुक्रवार को योगेंद्र यादव ने बयान जारी कर अपनी बात रखी थी. इस मामले में अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया आई है.
राकेश टिकैट का कहना है कि योगेंद्र यादव एक महीने की छुट्टी पर गए हैं. योगेंद्र यादव को निलंबित किए जाने के सवाल पर राकेश टिकैट ने कहा, "यह कमेटी का फैसला है. वे पढ़े-लिखे आदमी हैं. उन्हें एक किताब लिखनी है, उसके लिए उन्हें वक्त चाहिए था, इसलिए वे एक महीने की छुट्टी पर गए हैं."
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से निलंबित किए जाने के एक दिन बाद यानी शुक्रवार को योगेंद्र यादव ने कहा, "वह मृत बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार का दुख साझा करने उनसे मिलने गए थे, क्योंकि यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. उन्हें इस मुलाकात से पहले एसकेएम के अन्य सदस्यों से परामर्श नहीं करने का खेद है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाकर उन्हें दुख हुआ है. किसी भी आंदोलन में, सामूहिक राय व्यक्तिगत समझ से ऊपर होती है. मुझे खेद है कि मैंने यह निर्णय लेने से पहले एसकेएम के अन्य साथियों से बात नहीं की."
यादव ने कहा, "मैं एसकेएम की सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं. मैं इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन की सफलता के लिए पहले से कहीं अधिक लगन से काम करना जारी रखूंगा." योगेंद्र यादव ने मिश्रा परिवार के साथ अपनी मुलाकात का बचाव करते हुए इसे मानवता का तकाजा बताया. उन्होंने कहा, "यह मानवता और भारतीय संस्कृति के अनुरूप हुई मुलाकात थी. उन लोगों के दुखों में भी शामिल होना चाहिए, जो आपके शत्रु हैं."
उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार से मिलने के लिए आगे बढ़ने से पहले उन्होंने उसी घटना में मारे गए किसानों और पत्रकार के परिवारों से मुलाकात की थी. यादव ने आशा व्यक्त की कि उनकी भावनाओं की सार्वजनिक अभिव्यक्ति किसान आंदोलन को मजबूत ही करेगी. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस सवाल पर सार्थक बातचीत शुरू हो सकती है.
वहीं, एक वरिष्ठ किसान नेता के मुताबिक, यादव के निलंबन का निर्णय एसकेएम की एक आम सभा में लिया गया था, जो केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है. नेता ने कहा, "योगेंद्र यादव संयुक्त किसान मोर्चा की बैठकों और अन्य गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते" यादव गुरुवार को एसकेएम की आम सभा की बैठक में शामिल हुए थे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. जिले के तिकुनिया गांव में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा कथित रूप से चलाई जा रही एक जीप से कथित रूप से कुचले जाने से चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. घटना के बाद गुस्साए किसानों ने कारों के काफिले में शामिल कुछ लोगों को वाहनों से खींचकर कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला था. मृतकों में बीजेपी कार्यकर्ता और एक वाहन चालक भी शामिल था.