MSP पर गारंटी वाले कानून समेत तमाम मांगों को लेकर किसान दिल्ली कूच पर निकले हैं. प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए प्रशासन ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है. कई जगहों पर सुरक्षाबलों और किसानों के बीच टकराव भी देखने को मिला है. इन सबके बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. लेकिन पुलिस उन्हें हटाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने अपील कि पीएम मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. इस दौरान सरवन सिंह पंढेर ने किसानों को खालिस्तानी कहे जाने के आरोपों पर भी जवाब दिया.


एक चैनल से बातचीत में सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''हम खालिस्तानी एजेंट नहीं हैं. हमारी कोशिश है कि टकराव से बचा जाए. सरकार हमें रास्ता दे हम ये कोशिश करेंगे. हम देश के किसान-मजदूर हैं. हमारे ऊपर पहले भी खालिस्तान का टैग लगाया गया. ये बोला गया कि पाकिस्तान की एजेंसियां इनकी मदद कर रही हैं, ये बोला गया कि चीन की एजेंसियां मदद कर रही हैं.''


खालिस्तान हमारा एजेंडा नहीं- सरवन सिंह

उन्होंने कहा, ''अब कहा जा रहा है कि इनके पीछे लेफ्ट वाले हैं, फिर बोलते हैं कांग्रेस वाले हैं. कभी कहते हैं कि पंजाब की आप सरकार इनके पीछे है. पहले फैसला करें कि हमारे पीछे कौन कौन है. इस तरह से भ्रमित करके हमारी उचित मांगों को ठुकरा नहीं सकते.  खालिस्तान हमारा एजेंडा नहीं है.  हम इस देश के किसान हैं. हम अपनी मांगों के लिए आए हैं. सरकार बल प्रयोग को हटाए. हरियाणा-राजस्थान में कई एजेंसियां लगी हैं. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. लोकतंत्र में अपनी मांगें रखने का हमें अधिकार है. यह अधिकार हमें मिलना चाहिए.''


शंभू सीमा पर पुलिस ने छोड़े आंसू

किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू करने के लिए अंबाला के पास शंभू सीमा पर इकट्ठा हुए, जिसके चलते भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने के अपने प्रयास में हरियाणा की सीमा पर बैरिकेड हटाने का प्रयास किया. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि जब कुछ किसान शंभू सीमा पर बैरिकेड के पास एकत्र हुए तो हरियाणा पुलिस ने बुधवार सुबह करीब आठ बजे आंसू गैस के कई गोले दागे.