Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब के किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है. सात दिन से शंभू बॉर्डर पर तैनात किसान दिल्‍ली कूच पर अड़े हैं. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आरोप लगाया है कि किसानों पर हो रहा अत्‍याचार केंद्र सरकार और राज्‍य सरकार की मिलीभगत है.


सोमवार (19 फरवरी) को मीडिया से मुखातिब पंढेर ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन पर किसी भी तरह से रोक लगाने के लिए सरकार हर कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. पंढेर ने दावा किया कि पंजाब के सात जिलों में इंटरनेट बंद है.


'क्या केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर ऐसा हो रहा'
किसान नेता ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्‍या ये फैसले केंद्र सरकार की अनुमति के बिना लिए गए हैं? क्‍या केंद्र का ऑपरेशन हरियाणा के साथ मिलकर चल रहा है? पंजाब में भी सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. पंढेर ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि राज्य के पास केंद्र सरकार से पूछे बिना इंटरनेट बंद करने का कोई अधिकार है. पंजाब सरकार स्‍पष्‍ट करे की आखिर ये किसका फैसला है.





'किसके आदेश से बंद हुआ इंटरनेट, बताएं'


पंढेर ने आरोप लगाया कि दोनों सरकारों ने मिलकर इंटरनेट को बंद करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्‍य के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह कमर्शियल इंटरनेट सेवाएं बंद करें. स्‍पष्‍ट किया जाना चाहिए आखिर किसके ऑर्डर से इंटरनेट पर बैन लगाया गया.


वहीं इंटरनेट निलंबित होने से स्‍कूली बच्‍चों की पढ़ाई में रुकावट आ रही है. उन्होंने कहा कि यह सब कुछ केवल इसलिए हो रहा है ताकि किसानों को परेशान किया जा सके, उनके आंदोलन को दबाया जा सके.


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