नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किसान प्रदर्शन के छठे दिन केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच चली लंबी बातचीत बेनतीजा रही. इसके बाद बातचीत का एक और दौर 3 दिसंबर को होगा. केन्द्र के साथ इस बातचीत के बाद किसान संगठन की तरफ से कहा गया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा जब तक मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता है. इसके साथ ही, उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी.
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ किसान प्रतिनिधिमंडल सदस्य के तौर पर मिलने गए चंदा सिंह ने कहा- “हमारा आंदोलन जारी रहेगा और वे निश्चित रूप से सरकार से कुछ वापस लेंगे. वो चाहे गोली हो या फिर शांतिपूर्ण समाधान. हम उनके साथ और बातचीत के लिए फिर आएंगे.”
इधर, किसान संगठनों के साथ बेनतीजा रही बातचीत के बाद कृषि मंत्री ने कहा- बैठक अच्छी रही और हमने फैसला किया है कि 3 दिसंबर को अगले दौर की बातचीत होगी. हम चाहते हैं कि एक छोटा ग्रुप बनाया जाए लेकिन किसान नेता चाहते हैं कि बातचीत हर किसी के साथ हो. हमें इससे कोई समस्या नहीं है.
सोमवार को किसान नेताओं के साथ हुई बैठक के दौरान केन्द्र की तरफ से नए कृषि कानूनों पर समिति बनाने का प्रस्ताव रखा गया. इस बैठक के दौरान केन्द्र सरकार ने किसान नेताओं से कहा है कि वे उनके संगठनों के 4 से 5 लोगों के नाम दें. इसके साथ ही, एक समिति बनाई जाएगी जिसमें सरकार के साथ कृषि विशेषज्ञ भी होंगे जो नए कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अजय चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के संस्थापक ने किसान प्रदर्शन पर पूछा कि जब सरकार के नेताओं की तरफ से यह कहा जा रहा है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखेंगे तो फिर बिल में एमएसपी को शामिल करने में क्या दिक्कत है.
इधर, दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत बुराड़ी में प्रदर्शन स्थल का दौरा करने के बाद कहा कि सही बातचीत होनी चाहिए और केन्द्र सरकार को किसानों की सभी मांगें माननी चाहिए क्यों वे सभी वास्तविक हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थल का दौरा करने का मेरा उद्देश्य प्रदर्शनकारी किसानों की मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करना है.
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