नई दिल्लीः उत्तरप्रदेश सीमा, यूपी गेट हाईवे पर हरे रंग के बड़े-बड़े 15 टेंट लगा दिए गए हैं और कुछ ही दिनों में ऐसे 80 और टेंट लगाए जाने की योजना है. इस तरह के टेंट आपने पहाड़ी इलाकों में कैंपिंग के दौरान देखे होंगे लेकिन हाईवे के ऊपर लगे ये टेंट संकेत दे रहे है कि आंदोलन धीमा नहीं और तेज़ हो रहा है.


किसान आंदोलन को मिली मदद


ऑर्गनाइजर नवदीप कहते हैं कि यह सभी टेंट बाजपुर, उत्तराखंड के विधायक ने मदद के तौर पर भेजे हैं. एक टेंट की कीमत 10 हज़ार रुपए है. अब तक 15 टेंट लगाए गए हैं और 80 -85 टेंट और हाईवे पर ही लगाए जाएंगे. एक टेंट के अंदर 8 लोगों के रुकने की व्यवस्था है. कुल करीब 800 लोगों की रुकने की व्यवस्था बढ़ती ठंड को देखते हुए इन टेंट में की गई है.



ठंड से मिलेगी राहत


दरअसल इस तरह के टेंट ठंडी हवाओं को कुछ हद तक रोकने में सक्षम होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल खासकर बुजुर्गों के लिए किया जा रहा है. दिल्ली में चल रही शीत लहर और गिरता हुआ तापमान किसानों के लिए मुसीबत बन सकता है लेकिन किसानों की तैयारी को देखते हुए समझ आता है कि फिलहाल ये प्रदर्शन लंबा चलेगा.


26वें दिन भी जारी किसान आंदोलन


किसान कानूनों में संशोधन के लिए किसान संगठन तैयार नहीं हैं. उनकी मांग है कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 6 दौर की बातचीत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका है और अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बैठे हैं. सिंघु और टीकरी बॉर्डर आज यानी 26वें दिन भी बंद ही रहेंगे. चिल्ला और गाजीपुर का दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता एक तरफ से बंद पड़ा है. दिल्ली पुलिस की ओर से लोगों को दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, अपसरा और भोपुरा बॉर्डर का इस्तेमाल करने को कहा गया है.


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