किसान आंदोलन में नई पहलः किसानों ने कबाड़ से बनाया आधुनिक कमरा, कर रहे मॉडर्न सोलर पैनल का इस्तेमाल
दिल्ली के NH-24 पर नए कृषि कानून को ले कर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है. वहीं ठंड से बचने के लिए किसानों ने कबाड़ से ट्रैक्टर-ट्राली पर कमरे का निर्माण कर डाला है. इसके साथ ही बिजली के लिए किसान मॉडर्न सोलर पैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नई दिल्लीः आज का किसान हल तो चलाना जानता ही है लेकिन वो आधुनिक कलाओं से भी लैस है. दिल्ली के NH-24 पर नए कृषि कानून को ले कर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है. इस बीच ठंड और खुले आसमान में किसान अपनी रातें गुज़ार रहे हैं.
वो दिन अब पुराने हो चले हैं जब किसान केवल हल चलाने के लिए जाना जाता था. आज का किसान आधुनिकता से भरपूर है. दिल्ली की सीमा पर मौजूद किसान अलग-अलग रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं. NH-24 पर मौजूद किसानों ने आधुनिक तकनीक अपनाते हुए खेती के सामान रखने वाली ट्राली का पूरा रूप ही बदल दिया है.
किसान लम्बे समय तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की पूरी तैयारी से आए हैं. किसान कई दिनों के खाने और पानी की व्यवसथा करके तो आए ही हैं लेकिन किसानों ने अपनी आधुनिकता से ट्राली के ऊपर स्पेशल रूम भी बनवाया है. किसानों ने खुद ही इस खास कमरे को बनाया है. किसानों का कहना है कि इस कमरे में सारा सामान वेस्ट मैटेरियल से बनाया गया है.
उत्तराखंड से आये प्रदर्शन में शामिल हुए किसानों की मानें तो लोगों को ठंड से बचाने के लिए इस ट्राली को तैयार किया गया है. एक ट्राली में 10 लोग आ सकते हैं, इसके अंदर तकिये और गद्दे रखने की भी व्यवस्था की गई है. इस ट्राली को बनाने के लिए लगभग सभी लोगों ने योगदान दिया है. खराब पड़ी प्लाई को जोड़-जोड़ कर इसको बनाया गया है. किसानों ने ही इसकी वेल्डिंग भी की है.
इस कमरे में किसानों ने बिजली की सुविधा के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया है. ट्राली के आगे सोलर प्लेट्स लगाई गईं हैं जो कई घंटों के लिए बिजली पैदा कर सकती है. प्रदर्शन में शामिल किसान कहते हैं कि लोगों को लगता है की किसान का मतलब हल जोतना है पर आज का किसान पढ़ा-लिखा और आधुनिक है, वो खेतों में हल चलाना जानता है तो उन्हें आविष्कार करना भी आता है, वो आधुनिकता से लैस है.
इसे भी पढ़ें
जो बिडेन ने अमेरिका में कोविड-19 से निपटने के लिए नई स्वास्थ्य टीम की घोषणा की