किसान आंदोलन का गाज़ीपुर मंडी पर कोई प्रभाव नहीं, फल-सब्जियों के व्यापार पर नहीं है कोई असर
राष्ट्रीय राजमार्ग-24 की तीन लेन आज किसान आंदोलन के कारण प्रभावित रही, किसानों ने सड़क पर बैठ कर नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया लेकिन सड़क बंद का असर फिलहाल गाज़ीपुर मंडी पर नहीं पड़ा.
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 9वें दिन भी जारी रहा. राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने यूपी गेट का रास्ता पूरी तरह से बंद कर दिया. हाईवे के नीचे यूपी से दिल्ली जाने वाला रास्ता पूरी तरह से ब्लॉक्ड रहा, जहां यूपी और पंजाब से आए ज़्यादातर किसानों ने चक्का जाम कर दिया. हालांकि, दिल्ली से यूपी जाने के लिए रास्ता खुला रहा. आंदोलन की संवेदनशीलता को समझते हुए बैरिकेड के दोनों तरफ भारी पुलिस बल तैनात रहे और वॉटर कैनन भी बड़ी संख्या में खड़े रहे.
राष्ट्रीय राजमार्ग-24 की तीन लेन आज किसान आंदोलन के कारण प्रभावित रही, किसानों ने सड़क पर बैठ कर नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया लेकिन सड़क बंद का असर फिलहाल गाज़ीपुर मंडी पर नहीं पड़ा. गाजीपुर मंडी के अध्यक्ष मुकेश के अनुसार, मंडी में माल आने में कोई कमी नहीं आई है और माल पूरा आ रहा है लेकिन कुछ गाड़ियां 2-3 घंटे लेट ज़रूर हो रही हैं.
पंजाब से मटर और आलू आता है, जहां पहले आलू की 70-80 गाड़ियां आती थीं अब भी उतनी ही आ रही हैं. मटर की भी पहले की तरह 20-25 गाड़ियां आ रही हैं. यूपी से प्याज़, हरी सब्जी इत्यादि सब बराबर आ रहा है. हरियाणा से गाजर, आलू, जितने पहले आ रहे थे उतने ही आ रही हैं.
मंडी अध्यक्ष के मुताबिक, गाज़ीपुर मंडी में माल देरी से आ रहा हैं क्योंकि गाड़ियों को घूम कर आना पड़ रहा है जिस कारण ज़्यादा ईंधन की खपत हो रही है और इसका खामियाजा फल सब्जियों के बढ़ते हुए दाम के साथ आने वाले दिनों में चुकाना पड़ सकता है.
व्यापारी वर्ग के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किसानों के वर्तमान आंदोलन के कारण दिल्ली में सामान की कमी से सम्बंधित विभिन्न चिंताओं का संज्ञान लेते हुए कहा है कि किसी भी मायने में दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आएगी.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ''किसानों के आंदोलन से दिल्ली में अजब स्तिथि बनी है. दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारी वितरण केंद्र है जहां अन्य राज्यों से काफी सामान आता है और दिल्ली से अन्य राज्यों में बड़ी मात्रा में काफी सामान जाता है. किसानों के आंदोलन के कारण बहुत सारे बॉर्डर सील हैं और जो बॉर्डर खुले हैं वहां भारी जाम है, उसके बावजूद 70 प्रतिशत से ज़्यादा सामान दिल्ली में आ रहा है. दिल्ली में आवश्यक सामान की पूर्ति को किसी तरह से रोका नहीं जाएगा इस बात को हम सुनिश्चित करेंगे."
ट्रेडर यूनियन को उम्मीद है कि सरकार और किसानों के बीच लगातार हो रही बातचीत के सकारात्मक नतीजे आएंगे.
वहीं इस मामले में प्रदर्शन कर रहे किसानों से भी एबीपी न्यूज़ ने खास बातचीत की. बुलंदशहर से अपने साथी किसानों के साथ 9 दिनों से प्रदर्शन में जुड़े 89 वर्षीय किसान रामपाल कहते हैं, "प्रदर्शन करना हमारी मजबूरी है, हम मजबूर हैं कि सड़कों पर पड़े हैं, सिर्फ वार्ता हो रही है, कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा इसलिए हमने एनएच-24 का रास्ता ऊपर और नीचे दोनों तरफ से ब्लॉक किया है." आजमगढ़ के 56 वर्षीय किसान सीपी सिंह कहते हैं, "हम यहां तब तक बैठेंगे जब तक कोई फैसला नहीं आ जाता."