नई दिल्ली: दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के चलते राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कारखानों पर जल्द असर पड़ सकता है. नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के मुताबिक जल्द आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो फैक्टरी में कच्चे माल की किल्लत हो सकती है. गौतमबुद्ध नगर में करीब 11 हजार छोटी बड़ी फैक्टरी है जिस इस आंदोलन का असर हो सकता है.


नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के मुताबिक इस समय नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक, गारमेंट, प्लास्टिक, केमिकल, फूड प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल जैसी छोटी बड़ी मिलाकर ग्यारह हजार उद्योग है. इन सबका कच्चा माल यानी रॉ मैटेरियल दिल्ली या दिल्ली रास्ते दूसरे राज्यों से आता है. लेकिन किसानों के सीमा पर आंदोलन के चलते इसमें कमी हुई है. एसोसिएशन के अध्यक्ष ए के मलहन के मुताबिक इसका असर फैक्टरी रॉ मैटेरियल पर पड़ेगा और अब सिर्फ तीन चार दिन का ही कच्चा माल हमारे पास मौजूद है. इसको लेकर बाकायदा पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है.


गौतमबुद्ध नगर में मौजूद कई अलग अलग इंडस्ट्री को अपने रॉ मटेरियल के लिए दिल्ली और दूसरी जगहों पर निर्भर रहना पड़ता है.


लॉक डाउन में पहले बंद रहे कारखाने और उसके बाद मजदूरी की कमी से उभर रहे थे. अब जब हालत सामान्य हुए तो इस आंदोलन से कामकाज पर असर हुआ है. फिलहाल कई फैक्टरियों के पास सिर्फ तीन चार दिन का रॉ मटेरियल है और बंद नहीं खुला तो इनको तब तक लिए बंद करना होगा जब तक कच्चा माल नहीं आ जाता.


नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन को डर है की कोविड के बाद किसी तरह खड़े हुए गौतमबुद्ध नगर के उद्योग को किसान आंदोलन की वजह से दुबारा से तकलीफ ना हो. अब इन्हे उम्मीद है की जल्द सरकार और किसानों के बीच बातचीत सफल होगी और रास्ते खुलेंगे और फैक्टरियां पहले जैसे चलेंगी.