नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले. इसके लिए हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच किया है. वहीं किसानों के इस आंदोलन को कई संगठनों से समर्थन भी मिला है. इस बीच दिल्ली ऑटो, टैक्सी संगठन ने इस बात की पुष्टि की है कि वो किसानों के समर्थन में हड़ताल पर नहीं जाएंगे.


अपनी मांगों को लेकर अलग-अलग राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. वहीं ऐसी चर्चाएं थी कि आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में दिल्ली के ऑटो, टैक्सी ड्राइवर हड़ताल पर जा सकते हैं. हालांकि अब दिल्ली ऑटोरिक्शा संगठन और दिल्ली प्रदेश टैक्सी संगठन ने हड़ताल पर जाने की बात से इनकार कर दिया है. किसानों के समर्थन में दिल्ली में ऑटोरिक्शा और टैक्सी को बंद नहीं किया जाएगा.


काम की कमी


दिल्ली ऑटोरिक्शा संगठन और दिल्ली प्रदेश टैक्सी संगठन ने कहा है कि ड्राइवर पहले से ही कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक कारणों से परेशान हैं. उनके पास काम की कमी है. ऐसे में अब ड्राइवर किसानों के समर्थन में हड़ताल पर जाने में समर्थ नहीं हैं. जिसके कारण दिल्ली में ऑटोरिक्शा और टैक्सी की हड़ताल नहीं होगी.


नहीं होगी हड़ताल


दिल्ली ऑटोरिक्शा यूनियन और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा, 'हम पूरे देश की तरह आंदोलन कर रहे किसानों के साथ हैं. लेकिन मैं साफ करना चाहूंगा कि दिल्ली ऑटोरिक्शा और टैक्सी ड्राइवर हड़ताल पर नहीं जाएंगे. हमारे पास पहले से ही चार महीनों से काम की कमी है और अब हड़ताल पर जाना हम अफॉर्ड नहीं कर सकते हैं.'


यह भी पढ़ें:
किसान आंदोलन: पंजाब-हरियाणा की पंचायतों की अपील- हर किसान परिवार का एक सदस्य जाए दिल्ली


आंदोलन में मोदी सरकार के मंत्री को नज़र नहीं आ रहे किसान, बोले- ये लोग कोई और हैं