'तिल' ने बढ़ाई सरकार की टेंशन, दो दिन के ब्रेक के बाद इस मसले पर आगे बढ़ सकता है किसान आंदोलन 2.0
Gurnam Singh Chaduni: पंजाब के किसानों की मांगों का समाधान निकालने के लिए रविवार (18 फरवरी) को देर रात किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की अहम बैठक हुई थी.
Gurnam Singh Chaduni on Farmer Protest: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने केंद्र सरकार को दो टूक कह दिया है कि जब तक किसानों की मांगों पर अमल नहीं किया जाता, तब तक हरियाणा के किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
किसान नेता चढूनी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि पंजाब के किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत से कोई सहमति बनती है तो अच्छा है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सरकार सरसों और सूरजमुखी की एमएसपी की गारंटी भी दे.
सीएम खट्टर की नामौजूदगी पर उठाए सवाल?
गुरनाम सिंह ने कहा कि जब केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में किसानों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री बैठे हैं तो फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री क्यों नहीं बैठे? उन्हें भी तो हरियाणा की आवाज उठानी चाहिए थी. इस मौके पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यदि हरियाणा के किसानों की मांगों को सरकार नहीं मानती तो प्रदेश के किसान पंजाब से भी बड़ा आंदोलन शुरू करने में पीछे नहीं हटेंगे.
'पंजाब तक सीमित नहीं हो समझौता'
गुरनाम चढूनी ने संदेह जताते हुए कहा कि पंजाब के किसानों और केंद्र सरकार के बीच हो रहे समझौते को पंजाब तक सीमित न कर दिया जाए. जबकि यह समझौता पूरे देश के किसानों पर लागू होना चाहिए. दरअसल, आंदोलनरत किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए रविवार (18 फरवरी) को देर रात किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में 5 फसलों को एमएसपी देने की बात तय हुई, लेकिन इसमें तिलहन की फसलों को नही जोड़ा गया है.
'हरियाणा में तिलहन की फसलों का खास महत्व'
यूनियन अध्यक्ष चढूनी ने कहा कि हरियाणा में तिलहन की फसलों का महत्व है. जब तक इन फसलों को एमएसपी में शामिल नहीं किया जाता तब तक हरियाणा के किसानों के लिए सरकार की ओर से लिए गए फैसले का कोई मतलब नहीं रह जाता. उन्होंने कहा कि इन फसलों में बाजरे का जिक्र नहीं किया गया और न ही किसी क्षेत्र का जिक्र किया गया.
'आंदोलन में पीछे नहीं हरियाणा के किसान'
किसान नेता चढूनी ने कहा कि यह भी एक मुद्दा है कि एमएसपी किन-किन राज्यों में दी जाएगी. अगर हरियाणा को इसमें शामिल नहीं किया जाता तो हरियाणा के किसान आंदोलन के लिए तैयार हैं. किसानों की ओर से लड़े जा रहे आंदोलन में हरियाणा के किसान पीछे नहीं हैं. हरियाणा के किसानों ने भी इस आंदोलन में भूमिका निभाई है. चाहे वो टोल प्लाजा फ्री करने की बात हो चाहे ट्रैक्टर मार्च निकालना हो.
'आजकल इंटरनेट से जुड़े हैं सभी कार्य'
गुरनाम सिंह चढूनी ने इंटरनेट सेवा बंद होने के सवाल पर कहा कि आजकल सभी कार्य इंटरनेट के माध्यम से हो रहे हैं. लोगों ने अपनी जेब में पैसा रखना बंद कर दिया है और इंटरनेट के ही जरिए पैसे का लेनदेन कर रहे हैं. वहीं, बच्चों की पढ़ाई भी इंटरनेट की वजह से बाधित हो रही है. नेट बंद करने से किसान आंदोलन बंद नहीं होगा.