Farmers Protest LIVE: 'कुछ किसानों ने जल्दबाजी में शुरू कर दिया विरोध', बीकेयू कोर कमेटी की बैठक में बोले गुरमान सिंह चढूनी
Farmers Protest LIVE: किसान आंदोलन का आज (23 फरवरी, 2024) को 11वां दिन है. प्रदर्शनकारी अन्नदाताओं की ओर से आज आक्रोश दिवस का आह्वान किया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आगामी कार्यक्रम
- 24 फरवरी को देशभर में शाम को शहीद शुभकरण सिंह और अन्य 3 शहीद किसानों की स्मृति में कैंडल मार्च आयोजित किए जाएंगे.
- 25 फरवरी को शम्भू और खनौरी बॉर्डर पर WTO के विषय में सम्मेलन कर के देशभर के किसानों को जागरूक किया जाएगा.
- 26 फरवरी को देश में सभी गांवों में WTO के पुतले सुबह फूंके जाएंगे और दोपहर 3 बजे WTO के बड़े पुतले शम्भू और खनौरी बॉर्डर पर फूंके जाएंगे.
- 27 फरवरी को दोनों फोरम की राष्ट्रीय स्तर की बैठक शम्भू और खनौरी बोर्डरों पर आयोजित होंगी. 28 फरवरी को दोनों फोरम की साझा बैठक आयोजित करके 29 फरवरी को किसान आंदोलन के आगामी बड़े फैसले का ऐलान किया जाएगा.
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा, "आज हमलोग के लिए गमगीन माहौल है. हमारे एक व्यक्ति की जान गई है. हमने फैसला लिया है कि 24 फरवरी को कैंडल मार्च निकालेंगे. 26 फरवरी को पुतले जलाएंगे और 29 फरवरी को ऐलान करेंगे आगे क्या करना है."
शंभु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा, "अभी तक दोबारा केंद्र सरकार से बातचीत का कोई न्योता नहीं आया है. क्योंकि हमने मांग की है कि बातचीत का जो न्योता आए उसमे साफ कहा जाए कि एमएसपी गारंटी कानून बनाने पर बातचीत होगी और इसी बात से केंद्र सरकार कतरा रही है. आदिवासी समाज 26 फरवरी को राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र देगा. हिसार से किसान शंभू और खनौरी सीमा पर आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया है."
भारतीय किसान यूनियन की कोर कमेटी की बैठक के बारे में बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, "कुछ किसानों ने जल्दबाजी में विरोध शुरू कर दिया और यह बहुत अव्यवस्थित था. इसलिए, हमने कोर कमेटी की बैठक में एसकेएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) दोनों समूहों से एक आम समिति बनाने का अनुरोध करने का निर्णय लिया है और फिर उस समिति के तहत विरोध को आगे बढ़ाया है. इससे सरकार पर असर पड़ेगा और लोगों का मनोबल बढ़ेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारी मांगें सुनी जाएंगी.''
विरोध प्रदर्शन के दौरान एक किसान की मौत पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि इसकी जांच होगी, लेकिन दूसरी ओर, उनके अपने अधिकारी कहते हैं कि ऐसा नहीं होगा. आज एक युवक को गोली मार दी गयी, कल और भी कुछ हो सकता है."
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि जब तक मृतक किसान के आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज नहीं होता है, तब तक वो संस्कार नहीं करेंगे. मीडिया से बातचीत के दौरान पंढेर ने कहा, 'जब तक पर्चा (मामला) दर्ज नहीं करेंगे दोषियों के खिलाफ. जैसे पुलिस ने प्रशासन ने हमारे युवक को शहीद किया है जब तक उसका इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक संस्कार नहीं करेंगे. 302 का पर्चा होना चाहिए. परिवार का भी यही कहना है.' किसानों का कहना है कि प्रशासन ने जिसने भी कार्रवाई की उसके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. दिल्ली कूच पर किसानों ने शाम को फैसला लेने की बात कही है.
अंबाला रेंज के आईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा, "सभी संबंधित पक्षों को यह स्पष्ट किया जाता है कि अंबाला के कुछ किसान नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा. हरियाणा पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने का अनुरोध करती है."
पंजाब के मुख्यमंत्री ने खनौरी सीमा चौकी पर मारे गए किसान शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की.
पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने विरोध जताते हुए इसे 'ब्लैक फ्राइडे' मनाने का अह्वान किया है. इसके लेकर शंभू बॉर्डर पर गतिविधियां भी तेज हो गईं हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''शुभकरण सिंह की मौत के बाद पंजाब सरकार से बातचीत की जा रही थी. हमारी सभी मांगें मान ली गईं कि हमला करने वालों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया जाए, पंजाब सरकार शुभकरण सिंह को 'शहीद' का दर्जा दे, उनके परिवार के साथ मुआवजे पर चर्चा की गई और एक बोर्ड बनाया जाए उसके पोस्टमॉर्टम के लिए एक टीम गठित की जाएगी और उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी. अब 14 घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन पंजाब सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है. तो शुभकरण सिंह का शव अस्पताल में पड़ा हुआ है. पंजाब सरकार हमारे शहीदों की शहादत का अपमान कर रही है, यह निंदनीय है. वे कह रहे हैं कि घटना स्थल की जांच करनी होगी- चाहे वह पंजाब में हो या हरियाणा में. मुझे नहीं लगता कि हम अभी शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार कर पाएंगे. पंजाब सरकार के साथ बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है.”
बैकग्राउंड
Farmers Protest LIVE: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच प्रदर्शनकारी अन्नदाता शुभकरण सिंह की मौत के मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कड़ी आलोचना की है. एसकेएम ने किसान की ‘‘हत्या’’ को लेकर गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वहां के गृहमंत्री अनिल विज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.
इस बीच, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर की ओर से कहा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी आकर इस मसले पर बयान दें कि वे लोग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गांरटी कानून बनाएंगे. कांग्रेस की ओर से अभी बयान नहीं आया है. उन्हें भी स्टैंड साफ कर देना चाहिए. सारा विपक्ष इस मुद्दे पर रुख साफ करे.
नीचे, कार्ड सेक्शन में जानिए किसान आंदोलन से जुड़े पल-पल के अपडेट्सः
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