नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की है. पुलिस ने किसानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने और महामारी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. दरअसल, किसान 29 नवंबर को लामपुर बॉर्डर से जबरन दिल्ली की सीमा में घुस आए थे और सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर धरने पर बैठ गए थे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 16 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले. हालांकि, सरकार का साफ कहना है कि वो इन कानूनों को वापस नहीं लेंगी. लेकिन वो इनमें संशोधन के लिए तैयार है. सरकार की तरफ से लगातार किसानों को समझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
हमारा विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा- राकेश टिकैत
सरकार और किसानों के गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमारी 15 में से 12 मांगों पर सहमत हो रही है, तो इसका मतलब साफ है कि ये कानून सही नहीं हैं. इन कानूनों को रद्द कर देना चाहिए. हमारा विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा.
किसान नेता बूटा सिंह ने दी चेतावनी
वहीं किसान नेता बूटा सिंह ने केंद्र सरकार के चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बातों को नहीं सुनो और इन कानूनों को वापस नहीं लिया तो हमारे धरने सड़क से रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे. संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा.
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