Farmer Protest Highlightss: राकेश टिकैत बोले- 'किसान आंदोलन में हो सकती है टिकैत परिवार के एक सदस्य की कुर्बानी'
Farmer Protest Highlights: संयुक्त किसान मोर्चा का केंद्र पर आरोप है कि उसने 2020-21 में धरना समाप्त करने के लिए किए वादों को पूरा न करके ‘‘ किसानों के मुद्दों पर माहौल खराब किया.’’
केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ किसान नेताओं की बैठक पर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “पूरा देश साहस जुटाकर एमएसपी और कर्ज माफी पर ठोस निर्णय लेने के लिए पीएम मोदी की ओर देख रहा है. हमें उम्मीद है कि कल की बैठक से अच्छी खबर मिलेगी. हमने दिल्ली जाने का फैसला अभी वापस नहीं लिया है, लेकिन अगर केंद्र सरकार हमारी मांगें मान लेती है तो मामला यहीं सुलझ जाएगा."
भारतीय किसान यूनियन के पंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी जिला कलेक्ट्रेट पर किसान ट्रैक्टर ट्राली के साथ प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा, "26 और 27 फरवरी को मुजफ्फरनगर से गाजीपुर बॉर्डर तक ट्रैक्टर ट्राली के साथ किसान हाईवे पर रहेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के साथ देशभर के किसान दिल्ली बॉर्डर तक एनएच पर ट्रैक्टर ट्राली के साथ रहेंगे." उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में टिकैत परिवार के किसी एक सदस्य की कुर्बानी हो सकती है.
विभिन्न किसान संघों के लगभग 100 किसानों को शनिवार को तंजावुर रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया, जब उन्होंने चोलन एक्सप्रेस के सामने रेल रोको विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की. किसानों का यह समूह किसान आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस का विरोध कर रहा था. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अलग-अलग किसान संघों के अध्यक्ष पीआर पांडियन, अय्याकन्नू और सुंदरविमलनाथन ने रेल रोको में भाग लिया था.
आंदोलनकारी किसानों के परिवार के सदस्य पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर अपनी एकजुटता दिखाने के लिए उनके साथ शामिल हुए. किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच रविवार को फिर से बैठक होने वाली है.
किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू तथा खनौरी में डटे हुए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए. उन्होंने कहा, "अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातोंरात अध्यादेश ला सकती है. अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी."
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने किसानों आंदोलन को लेकर कहा, "यह विरोध प्रदर्शन दूसरी बार हो रहा है. मैं सरकार से इसे हमेशा के लिए हल करने का अनुरोध करना चाहूंगा. यह विरोध किसानों और दिल्ली के नागरिकों के लिए सही नहीं है."
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का असर दक्षिण भारत में भी देखने को मिल रहा है. स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग को लेकर किसानों ने तमिलनाडु के तंजावुर में रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया.
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज पांचवा दिन है. उन्होंने एमएसपी समेत किसानी के मुद्दों को लेकर दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है, जिसकी शुरुआत 13 फरवरी से हुई थी. फिलहाल किसान शंभू बॉर्डर पर हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, किसान संगठन बीकेयू (उगराहां) ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पंजाब के बरनाला में बीजेपी नेता केवल सिंह ढिल्लों के आवास पर विरोध प्रदर्शन किया.
पंजाब के किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच शुरू किया, लेकिन हरियाणा-पंजाब की शंभू और खनौरी सीमाओं पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. तब से प्रदर्शनकारी दोनों सीमाओं पर डटे हुए हैं और यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी है. इसका असर दिल्ली में मिलने वाली सब्जियों के दाम पर देखने को मिल सकता है. गाजीपुर सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है कि प्रदर्शन की वजह से सप्लाई बाधित हुई है. एक व्यापारी ने बताया कि पंजाब से आने वाले गाजर की कीमतें 15 दिनों में 4 रुपये किलो की दर से बढ़ी हैं. उसका कहना है कि अगर प्रदर्शन जारी रहेगा तो बाकी सब्जियां भी महंगी होंगी.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार ने 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का ऐलान किया, लेकिन सिर्फ 2 से 3 फसलों की खरीददारी की गई. हम लोग फसलों की खरीद में कॉर्पोरेट्स की लूट को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो संसद का विशेष सत्र बुलाकर कानून बना सकती है. जहां तक अध्यादेश जारी करने की बात है तो यह एक राजनीतिक फैसला है. अगर कैबिनेट चाहे तो फसल खरीद की कानूनी गारंटी पर अध्यादेश ला सकती है.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना की घोषणा की जिसके तहत 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा. सरकार की तरफ से ये ऐलान ऐसे समय पर किया गया है, जब किसानों का प्रदर्शन चल रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की आलोचना की और उसे किसानों के लिए श्राप बताया. खरगे ने सरकार पर किसानों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल कांग्रेस पार्टी ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानूनी अधिकार प्रदान कर सकती है.
किसानों से चल रहे गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री और किसान नेता चौथे दौर की वार्ता के लिए रविवार (18 फरवरी) को मिलेंगे. दोनों पक्षों के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को भी मुलाकात हुई थी लेकिन सभी वार्ता बेनतीजा रही.
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के हाथ से किसान आंदोलन निकलता जा रहा है. बीजेपी वालों ने किसानों को माओवादी और नक्सलवाली कहा था.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, 'सरकार अध्यादेश के जरिए एमएसपी पर कानून ला सकती है. एक बार सरकार कानून लाने का फैसला कर ले तो समस्या का समाधान हो जाएगा.'
हिमाचल प्रदेश के रामपुर में जल ऊर्जा परियोजनाओं के वास्ते अधिगृहीत की गई भूमि के बदले पर्याप्त मुआवजा और युवाओं को रोजगार देने की मांग को लेकर प्रभावित 16 पंचायतों के किसानों और मजदूरों ने शुक्रवार को शिमला-किन्नौर मार्ग पर करीब ढाई घंटे तक जाम लगाए रखा. प्रदर्शनकारियों ने राज्य की राजधानी शिमला से लगभग 110 किलोमीटर दूर नीरथ बाजार में रैली निकाली और बाद में सड़क को अवरुद्ध कर दिया.
जम्मू में शुक्रवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एम वाई तारिगामी के नेतृत्व में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) की जम्मू-कश्मीर इकाई और किसान तहरीक ने प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया. सीटू की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिगामी ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संघों और महासंघों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया. यहां महाराजा हरि सिंह पार्क के बाहर प्रदर्शनकारी एकत्र हुये और सरकार के विरोध में नारेबाजी की.
दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर हरियाणा सरकार के जरिए संचालित दिल्ली-पानीपत बस में कंडक्टर के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि किसानों के विरोध के विरोध की वजह से शंभू बॉर्डर को पुलिस ने ब्लॉक कर दिया है. यात्री इस कारण ज्यादा यात्रा नहीं कर रहे हैं.
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में व्यापार और उद्योग को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंच सकता है. उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है और इससे प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि वह आने वाले दिनों में आंदोलन तेज करेगा. एसकेएम ने कहा उनकी पंजाब इकाई 18 फरवरी को जालंधर में एक बैठक करेगी और इसके बाद घटनाक्रम की समीक्षा करने और भविष्य की रणनीति के लिए सुझाव देने के खातिर नयी दिल्ली में एनसीसी और आम सभा की बैठकें होंगी.
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को कई किसानों का वीडियो जारी किया जिसमें उन्हें अंबाला के पास शंभू सीमा पर पथराव करते और सुरक्षा कर्मियों को उकसाने का प्रयास करते देखा गया है. पुलिस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि किसानों के आंदोलन की आड़ में उपद्रव की इजाजत नहीं दी जा सकती. पुलिस के जरिए शेयर किए गए वीडियो में से एक में, चेहरे ढके हुए कई युवा प्रदर्शनकारियों को शंभू सीमा पर सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकते देखा जा सकता है. एक अन्य वीडियो में प्रदर्शनकारी किसानों को सुरक्षाकर्मियों पर फेंकने के लिए पत्थर इकट्ठा करते देखा जा सकता है.
हरियाणा के अंबाला में किसान आंदोलन के चलते शंभू बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर हीरालाल का निधन हो गया है. वह 52 वर्ष के थे. खबरों के मुताबिक, ड्यूटी के दौरान सब-इंस्पेक्टर हीरालाल की तबीयत अचानक खराब हो गई. उन्हें तुरंत अंबाला सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर हीरालाल ने हमेशा अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाया है. उनका निधन पुलिस बल के लिए एक बड़ी क्षति है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर बात करना चाहिए. एमएसपी पर अध्यादेश के जरिए कानून लाया जाना चाहिए. हमारी मांग है कि सभी फसलों पर एमएसपी लाया जाए. उन्होंने कहा कि किसान चाहते हैं कि इस आंदोलन का सुखद अंत हो. अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की भी मांग की गई है.
पंजाब हरियाणा के शंभू बार्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शनिवार (17 फरवरी, 2024) को कहा कि संभव है कि अध्यादेश के जरिए कानून लाया जाए. वे सभी लोग फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मांग रहे हैं.
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में व्यापार और उद्योग को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंच सकता है. उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है और इससे प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा, “लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन से प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा...और उत्तरी राज्यों मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के चौथी तिमाही के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पर असर पड़ेगा.” उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल देश में सभी के कल्याण के लिए आम सहमति के साथ सरकार और किसानों दोनों से मुद्दों के शीघ्र समाधान की आशा करता है.
बैकग्राउंड
Farmer Protest Highlights: किसानों के आंदोलन का आज (17 फरवरी, 2024) 5वां दिन है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) साफ कर चुका है कि वे आगामी दिनों में आंदोलन तेज करेंगे. उनकी पंजाब इकाई 18 फरवरी को जालंधर में एक बैठक करेगी और फिर समीक्षा और भविष्य की रणनीति के लिए सुझाव देने के खातिर नई दिल्ली में एनसीसी और आम सभा की बैठकें होंगी. किसानों फिलहाल पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर मौजूद हैं.
शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एक बार फिर से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए. अध्यादेश के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून लाया जाए. उन्होंने कहा कि हम लोग इस आंदोलन का सुखद हल चाहते हैं. हम सभी फसलों पर एमएसपी की मांग कर रहे हैं. अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रीमंडल से हटाया जाए. किसान लंबे समय से टेनी को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार का दिन किसान प्रदर्शन के लिए काफी दुखद रहा. इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान ज्ञान सिंह के तौर पर हुई. अधिकारियों ने बताया कि ज्ञान सिंह ने सुबह छाती में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें पंजाब के राजपुरा में सिविल अस्पताल ले जाया गया. वहां से उन्हें पटियाला के राजेन्द्र अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने वर्ष 2020-21 में धरना समाप्त करने के लिए किए गए वादों को पूरा न करके किसानों के मुद्दों पर माहौल खराब किया. एसकेएम ने एक बयान में कहा, एसकेएम ने आंदोलन तेज करने का फैसला किया है. श्रमिकों और अन्य सभी वर्गों के समन्वय के साथ बड़े पैमाने पर आह्वान करके आंदोलन को तेज किया जाएगा. वर्तमान में किसान शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं.
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