Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान रविवार (10 मार्च) को रेल रोको आंदोलन करने वाले हैं. इसके लिए प्रदर्शनकारी किसान पिछले एक हफ्ते से तैयारियां कर रहे हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रेल रोको आंदोलन को लेकर लोगों से इसका समर्थन करने की गुजारिश की है. उन्होंने ये भी बताया है कि कितनी देर तक आंदोलन चलने वाला है. फिलहाल किसान पंजाब-हरियाणा के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
किसानों की तरफ से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को न्याय, 2020-21 में हुए प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को रद्द करने, कर्ज माफी और किसानों के लिए पेंशन को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. इसमें सबसे ज्यादा प्रमुख मांग एमएसपी की है. किसानों का कहना है कि सरकार को सभी फसलों पर एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाना चाहिए. इसे लेकर ही 13 फरवरी से प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी.
कितने बजे शुरू होगा रेल रोको आंदोलन?
सरवन सिंह पंढेर ने कहा, 'पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर 13 फरवरी को शुरू किए गए आंदोलन के हिस्से के तौर पर हमने देशभर में रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया है. हम देश के किसानों, मजदूरों और आम लोगों से गुजारिश करते हैं कि वे बड़ी संख्या में आकर हमारे रेल रोको आंदोलन को समर्थन दें.' उन्होंने बताया कि रेल रोको आंदोलन की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी, जो 4 बजे शाम तक चलेगी.
पंढेर ने कहा, 'जो लोग आज रेल से सफर करना चाहते हैं, हम उन लोगों से गुजारिश करना चाहते हैं कि वे दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक सफर नहीं करें. आज इन चार घंटों के दौरान वे ट्रेनों की ओर नहीं जाए. लोगों को आज थोड़ी सी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. ये आंशिक रेल रोको आंदोलन है.'
कहां-कहां होगा रेल रोको आंदोलन?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे. कुल मिलाकर 60 जगहों का चुनाव किया गया है, जहां किसान रेलवे ट्रैक जाम कर सरकार पर दबाव बनाने वाले हैं. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि उन्हें समर्थन देने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में भी रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया जाएगा.
किन चीजों पर रहेगा असर और कहां नहीं पड़ेगा प्रभाव?
किसानों को रेल रोको आंदोलन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभाव रेल यातायात पर पड़ने वाला है. पंजाब-हरियाणा से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के लेट होने की संभावना है. देश के अलग-अलग हिस्सों से पंजाब-हरियाणा जा रही ट्रेनें या वहां से दिल्ली समेत बाकी के हिस्सों में पहुंचने वाली ट्रेन कुछ घंटों के लिए लेट हो सकती है. किसानों का रेल रोको आंदोलन दोपहर में होना है. किसानों के रेल रोको आंदोलन का ज्यादा असर इन्हीं दो राज्यों में दिखने वाला है.
वहीं, रेल रोको आंदोलन की वजह से सड़कों पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखने वाला है. ऐसे में सड़क यातायात सुगम रहने वाला है. जरूरी सामानों की आपूर्ति में भी किसी तरह की कोई बाधा नहीं आने वाली है. किसान फिलहाल पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर हैं, ऐसे में हरियाणा के जरिए जरूरी सामान राजधानी दिल्ली समेत अन्य इलाकों में पहुंच रहा है. पंजाब से आने वाले सामान को लाने में थोड़ी कठिनाई देखने को मिल रही है.