नई दिल्ली: केंद्र की ओर से लागू किए गए कृषि कानूनों पर किसानों की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बीच राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने किसान आंदोलन और कृषि कानून का जिक्र करते हुए कहा, 'आंदोलन तो बहुत देखे हैं पर सरिया, कील और खाई ऐसी तस्वीरें?? आप सरहद पर नहीं हैं. किससे लड़ रहे हैं? अपने ही किसानों से! वो अपना हक मांग रहे हैं. हम किसानों की बेहतरी उनसे बेहतर नहीं समझते.'


मनोज झा ने सवाल पूछा कि आज के किसानों को क्यों समझाने की कोशिश करनी पड़ रही है? क्यों खालिस्तान और पाकिस्तान की बात हो रही है. किसानों को सब पता है और उनको कृषि कानून अच्छे से समझ में आ गया है लेकिन फिर भी अगर वह विरोध कर रहे हैं तो उनकी बात मान लेनी चाहिए.


आरजेडी सांसद ने कहा कि हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है. किसी के ट्वीट से कमजोर नहीं होगा. सरकार 11 दौर की बातचीत की बात कहती है. लेकिन इस बातचीत के दौरान सिर्फ मोनोलोग होता है. डायलॉग नहीं... यानी सिर्फ अपनी ही बात की जाती है. उनकी बात सुनी नहीं जाती.


मनोज झा ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसे बयान नहीं देने चाहिए कि हमने किसी को कुछ दिया क्योंकि लोकतंत्र में सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है और इस तरीके के बयान शोभा नहीं देते.


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