Farmers Protest Row: शंभू बॉर्डर खुलेगा या नहीं? उधर 22 जुलाई को SC करेगा सुनवाई, इधर हरियाणा सरकार ने बताया क्यों बंद है रास्ता
Farmers Protest Row: दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर को खोलने के आदेश दिया है. बीते छह महीने से किसान दिल्ली कूच करने को लेकर वहां फिलहाल डटे हैं.
Farmers Protest Row: शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा. आज यानी मंगलवार (16 जुलाई, 2024) को हरियाणा सरकार की ओर से वकील ने चीफ जस्टिफ ऑफ इंडिया (सीजेआई) से जल्द सुनवाई की मांग की. 10 जुलाई को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था. हरियाणा सरकार का कहना है कि क़ानून व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है. हाईकोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए.
वैसे, सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर पहले भी सख्त टिप्पणी कर चुका है. 12 जुलाई, 2024 को सर्वोच्च अदालत ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई थी. पूछा था कि कोई सरकार हाईवे कैसे ब्लॉक कर सकती है? सरकार का काम यातायात को रेगुलेट करना होता है, उसका काम हाईवे बंद करना नहीं होता है.
शंभू बॉर्डर को लेकर किसने दी थी पहले याचिका?
दरअसल, शंभू बॉर्डर के बंद होने से स्थानीय व्यापारियों को परेशानियां हो रही थीं. उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उनकी ओर से शंभू बॉर्डर खोलने की मांग की गई थी. बॉर्डर को खोलने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की और हरियाणा सरकार से सवाल भी पूछा था.
SC हरियाणा सरकार को लगा चुका है फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार हाईवे के यातायात को कैसे रोक सकती है. सरकार का काम है कि वह यातायात को नियंत्रित करे. हमारा कहना है कि बॉर्डर को खुला रखा जाए पर उसे नियंत्रित भी करें. आखिर राज्य सरकार हाईकोर्ट के बॉर्डर को खोलने के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहती है? किसान नागरिक हैं, उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए. वे आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे.