SC Hearing On Shambhu Border: शंभु बॉर्डर खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार (18 दिसंबर, 2024) को सुनवाई करेगा. 13 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से मना किया था. इसकी बजाय कोर्ट ने अपनी तरफ से गठित कमेटी से कहा था कि वह किसानों से बात करे. कमेटी किसानों को समझाए को कहा कि उनकी मांगों पर विचार हो रहा है. इसलिए, या तो वह आंदोलन स्थगित करें या अपने धरने की जगह थोड़ी सी बदल लें, जिससे हाईवे खुल सके. कमेटी इस बारे में कोर्ट को रिपोर्ट देगी. 

 

कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को आगाह करते हुए कहा था कि शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे इस आंदोलन में वह कोई बल प्रयोग न करें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन पर भी चर्चा होगी. कमेटी को इस पर भी रिपोर्ट देनी है. इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखें. भूख हड़ताल तोड़ने के लिए बल प्रयोग न हो, लेकिन उनका जीवन महत्वपूर्ण है. इसलिए, उनकी जान बचाने के लिए जब ज़रूरी हो, तब कदम उठाए जाएं.

 

हाई पावर्ड कमेटी से कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल ने आग्रह किया था कि अभी कोर्ट डल्लेवाल को हॉस्पिटल शिफ्ट करने का आदेश न दे. इससे स्थिति बिगड़ सकती है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि डल्लेवाल से बात कर उन्हें अनशन तोड़ने के लिए आश्वस्त किया जाए. कोर्ट ने मंगलवार को होने वाली सुनवाई में हाई पावर्ड कमेटी से इस पहलू पर भी रिपोर्ट देने को कहा है.

 

'किसानों का हल निकालना जरूरी'
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि किसान जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उनका हल निकालना भी ज़रूरी है. इसलिए, उसने एक कमेटी बनाई है. ध्यान रहे कि 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह के नेतृत्व में 5 सदस्यीय हाई पावर्ड कमेटी बनाई थी. कमेटी को एमएसपी और दूसरे मुद्दों पर किसानों से बात करने को कहा गया था.

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