भोपाल/मंदसौर: किसानों के गुस्से को शांत करने के लिए मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान आज भोपाल के दशहरा ग्राउंड में उपवास पर बैठे गए हैं. शिवराज के साथ उनकी सरकार के कई मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं. इस दौरान सीएम शिवराज की पत्नी साधना सिंह भी मंच पर उनके साथ बैठी. हालांकि शिवराज के इस उपवास में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय मौजूद नहीं थे.
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- एमपी में शांति के लिए उपवास पर शिवराज सिंह चौहान ने एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम का जिक्र किया है. एबीपी न्यूज़ ने शिवराज के एक बयान की पड़ताल की थी. उन्होंने कहा कि मैंने एबीपी न्यूज़ पर एक रिपोर्ट देखी. एबीपी न्यूज़ ने सच दिखाया. मेरे खिलाफ झूठी अफवाह फैलाई गई.
- दशहरा मैदान पर शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को संबोधित किया. इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में हमने किसानों के कल्याण का काम किया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ है. किसान के बिना एमपी आगे नहीं बढ़ सकता.
- बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में हैं. आज वह किसानों के लिए एक कार्यक्रम कर रहे हैं. इस दौरान उनके कार्यक्रम की एक तस्वीर भी सामने आई है. दिलचस्प बात यह है कि विजयवर्गीय का कार्यक्रम भी शिवराज के उपवास के समय पर ही रखा गया है.
शिवराज के उपवास के लिए बनाया गया स्पेशल पंडाल
शिवराज के उपवास के लिए भोपाल के दशहरा ग्राउंड में वाटरप्रूफ पंडाल रातों रात तैयार कर लिया गया है. 160 फिट लम्बा और 60 फ़ीट चौड़े पंडाल में मंच के सामने लगभग 400 कुर्सियां लगाई गई हैं. सवाल ये है कि क्या उपवास के दांव से लोगों की समस्याएं सुलझ जाएंगी?
इतना ही नहीं मंच के पीछे केबिन बनाए गए हैं जिसमें मुख्यमंत्री किसानों के अलावा अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. साथ में एक केबिन विश्राम के लिए भी बनाया गया है जिसमें पलंग और गद्दे रखे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के उपवास के लिए नए-नए कूलर मंगवाए गए हैं. शौचालय की व्यवस्था की गई है.
तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल भी बड़ी संख्या में तैनात है. दूसरी तरफ किसान नेता शिव कुमार शर्मा का कहना है कि ये सब अपनी नाकामी छुपाने की नौटंकी है. किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
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उपवास क्यों?
हर तरफ से घिरने के बाद शिवराज सिंह ने उपवास का गांधीवादी तरीका चुना है. किसानों के आंदोलन का आज दसवां दिन हैं. पिछले चार दिन तो मध्य प्रदेश के कई जिलों में सड़कों पर, गाडियों पर किसानों का गुस्सा फूटा है. पुलिस की फायरिंग में किसानों की मौत के बाद शिवराज पर उगुंलियां उठ रही थीं. ऐसे में शिवराज ने उपवास का दांव खेला है.
मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या शिवराज उपवास के जरिए पश्चताप कर रहे हैं? तो उन्होंने जवाब दिया, ‘’किसानों के सुख दुख में शिवराज साथ रहे हैं. किसान परेशान है इसलिए उपवास करेंगे. बातचीत का न्योता दिया है.’’
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शिवराज के उपवास का ऐलान होते के साथ ही ग्राउंड पर तैयारियां तेज हो गईं हैं. पूरी रात काम चलता रहा. इस भेल दशहरा ग्राउंड पर वह सिर्फ उपवास पर ही नहीं बैठेंगे बल्कि दशहरा ग्राउंड से ही अपनी सरकार चलाएंगे और दशहरा ग्राउंड से ही जनता की समस्याएं सुनेंगे. पर साथ ही एलान ये भी है कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा.
राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने सीएम के फैसले की तीखी निंदा करते हुए उपवास के फैसले का मजाक उड़ाया है. पर इस विरोध के बाद भी शिवराज ने उपवास के फैसले पर आगे बढ़ने का फैसला लिया है.
कौन हैं मध्यप्रदेश के प्रदर्शनकारी?
मध्य प्रदेश में सड़कों पर उतरे किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसल की सही कीमत मिले और कर्ज को माफ किया जाए. शिवराज ने अब तक इस पर किसानों को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है.
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश में दो जून से किसान आंदोलन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसलों की सही कीमत मिले और कर्जमाफी हो. तीन जून को शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मिलकर मामला सुलझने का दावा किया था. जिसके बाद एक धड़े ने आंदोलन वापस भी ले लिया था. लेकिन बाकी किसान विरोध प्रदर्शन पर अड़े रहे. प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आमने-सामने आए. इसके बाद दोनों ओर से पथराव हुआ और फिर गोलियां चली, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई.