गणतंत्र दिवस के मौके पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी में जमकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. हजारों की तादाद में किसानों लाल किले और आईटीओ की पहुंचे और पुलिस के साथ आंदोलन कर रहे किसानों की झड़प भी हुई. शाम को हालांकि किसानों ने सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर स्थित अपने-अपने प्रदर्शन शिविरों की ओर लौटना शुरू कर दिया. लालकिले और मुकरबा चौक पर डटे किसान भी अपने शिविरों की ओर लौट गए.


इससे पहले, हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ विभिन्न हिस्सों से शहर में घुसे और उनमें से अनेक लालकिला परिसर पहुंच गए. लालकिले में स्थित ध्वज-स्तंभ पर भी कुछ किसान चढ़ गए और वहां अपना झंडा लगा दिया.


पुलिस ने अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए कई जगह लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने बताया कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई. किसानों ने उसके शव को तिरंगे में लपेट दिया और उसे आईटीओ क्रॉसिंग पर रखा. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भी नहीं ले जाने दिया.


जारी रहेगा आंदोलन


दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अब आईटीओ क्रॉसिंग पर कोई प्रदर्शनकारी किसान नहीं है और स्थिति नियंत्रण में है. प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया और उन्हें रोकने के लिए खड़ी की गईं बसों को ट्रैक्टरों से टक्कर मारी.


संयुक्त किसान मोर्चे ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की निंदा की और बाद में परेड को रद्द कर दिया. मोर्चे ने किसानों से अपील की कि वे तत्काल दिल्ली से अपने प्रदर्शन शिविरों में लौट आएं. इसने एक बयान में कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और आगे के कदमों पर जल्द निर्णय किया जाएगा.


Farmers Protest: लाल किले पर पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच हुई झड़प, देखें वीडियो