Lakhimpur Kheri: संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य 5 मई को करेंगे लखीमपुर खीरी का दौरा, ये है वजह?
Farmer Unions: हरियाणा, मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत अन्य राज्यों से संयुक्त किसान मोर्च के सदस्य भी लखीमपुर पहुंचेंगे. वे पीड़ित किसानों के परिवारों से मिलेंगे.
Farmer Unions Will Visit Lakhimpur Kheri: किसान संगठन के सदस्य संयुक्त किसान मोर्च (SKM) के बैनर तले 5 मई को लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे. ताकि पिछले साल वहां मारे गए किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जा सके. बीकेयू पंजाब के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल (Harinder Singh Lakhowal) ने यह जानकारी मीडिया से साझा की है. किसान संगठन उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहा है. शहीद किसानों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए ही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) चार मई को राज्य से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगा.
SKM के सदस्य 5 मई को करेंगे लखीमपुर खीरी का दौरा
शनिवार को इस संबंध में मोर्चा की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता बीकेयू (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल, बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष बलवंत सिंह बेहरामके और जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष गुरबख्श सिंह ने की. संगठन ने बताया कि एक बड़ा कारवां 4 मई को पंजाब से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगा. हरियाणा, मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत अन्य राज्यों से संयुक्त किसान मोर्च के सदस्य भी लखीमपुर पहुंचेंगे. वे पीड़ित किसानों के परिवारों से मिलेंगे.
Ludhiana, Punjab | Farmer unions under banner of SKM will visit Lakhimpur Kheri (in UP) on May 5 to ensure justice for farmers who were killed there last year: Harinder Singh Lakhowal, General Secy, BKU (Punjab) [30.04) pic.twitter.com/pkfkBWX5LL
— ANI (@ANI) May 1, 2022
किसानों के परिवारों के लिए इंसाफ की मांग
हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि 5 मई को वे लखीमपुर खीरी प्रशासन के साथ बैठक करेंगे और शहीद किसानों के परिवारों के लिए न्याय की मांग करेंगे. किसान नेताओं ने बताया कि SKM प्रतिनिधिमंडल ने 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक की थी. उन्होंने यूनियन नेताओं को आश्वासन दिया था कि गेहूं की कम उपज पर बोनस दिया जाएगा और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मूंग, मक्का और बासमती चावल पर MSP देने का भी आश्वासन दिया था लेकिन बिजली आपूर्ति, एमएसपी आदि के संबंध में उनकी मांगों को राज्य सरकार ने पूरा नहीं किया गया.
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