नई दिल्लीः दीप सिद्धू और इकबाल सिंह से हो रही पूछताछ के दौरान लाल किले पर झंडा फहराने की साजिश के पर्दे धीरे धीरे उठने लगे हैं. इस पूछताछ में सामने आ रहे है अनेक ऐसे खुलासे जो यह बताते है कि इस साजिश को अमलीजामा पहनाने के लिए कई सप्ताह से लगातार साजिश रची जा रही थी. 26 जनवरी को लालकिले पर झंडा फहराने की साजिश के तहत तीन से चार ग्रुप बनाए गए थे जिनमें से एक ग्रुप दीप सिंद्दू दूसरा ग्रुप इकबाल सिंह और तीसरे ग्रुप मे लक्खा सिधाना तथा चौथे मे अन्य नेता शामिल थे. दीप सिंद्दू मुरथल से बागपत रोड होते हुए सीधे लालकिला पहुंचा था जबकि इकबाल सिंह 25 जनवरी को ही दिल्ली आ गया था और एक बडे गुरूद्वारे मे रूका था. पुलिस इस पूरी साजिश के पीछे के आकाओं और फंडिग करने वालों के बारे में जानकारी जुटा रही है.


26 जनवरी पर लालकिले कांड के मुख्य गुनहगार एक्टर और वकील दीप सिद्दू, पंजाब के एक गुरूद्वारे मे ग्रंथी का काम कर चुका इकबाल सिंह जो पुलिस की हिरासत मे है. दोनों से पूछताछ के दौरान धीरे-धीरे साजिश की कडियां आपस मे मिलने लगी है. इन्हीं कड़ियों को खोलने के लिए इन दोनो को लालकिले ले जाकर भी मौका ए वारदात दिखाकर पूछताछ की गई.


दिल्ली पुलिस सूत्रो के मुताबिक पूछताछ के दौरान दीप सिद्धू और इकबाल सिंह बता रहे है कि 26 जनवरी पर लालकिले की साजिश का हर वो रहस्य जो अभी तक अनसुलझा था. पूछताछ के दौरान पता चला कि प्रदर्शन की आड़ में कई सप्ताह पहले से ही लालकिले पर चढाई की तैयारी की जा रही थी और इसके लिए 3 से चार ग्रुप बनाए गए थे. हर ग्रुप के जिम्मे अलग अलग काम दिया गया था. सबका एक ही मकसद था लालकिले पर झंडा फहराना.


25 जनवरी को दिल्ली पुहंच गया था आरोपी इकबाल


सूत्रों के मुताबिक इसमे पहला ग्रुप था इकबाल सिंह का जो इस समय पुलिस की हिरासत मे है. इकबाल सिंह को 25 जनवरी को ही दिल्ली भेज दिया गया था और वो दिल्ली के दिल मे मौजूद एक गुरूद्वारे मे रूका था. इसी गुरूद्वारे से उसने 25 तारीख की रात एक फेसबुक लाइव कर अपने समर्थको और आकाओं को मैसेज दिया था कि वो दिल्ली पहुंच चुका है और दूसरे लोग भी सीधे लालकिले पर पहुचंने की तैयारी करें.


दूसरा ग्रुप था युवाओं के बीच लोकप्रिय एक्टर दीप सिद्धू. पुलिस सूत्रो के मुताबिक दीप सिद्धू कभी भी टीकरी या सिंधू बार्डर पर रात में नहीं रूकता था. इन लोगो ने वहां पर अपना एक अलग कैंप भी लगा रखा था. दीप सिद्दू ने मुरथल के पास एक मशहूर ढाबे के नजदीक कमरा लिया हुआ था जहां वो रोज रात को रहने चला जाता था और 26 जनवरी को भी वो अपनी कार से सीधा दिल्ली ही आया था.


मकसद दिल्ली पहुंचकर हंगामा करना


इसके पहले भी एक सप्ताह से किसान नेताओ से स्पष्ट कहा जा रहा था कि उनका मकसद दिल्ली जा कर हंगामा करना है. पूछताछ के दौरान पता चला है कि दीप 26 जनवरी की सुबह मुरथल में अपने कमरे से बागपत रोड होते हुए वाया गाजियाबाद शाहदरा सीलमपुर पुश्ता रोड होते हुए सीधा लालकिले पर पहुंचा.


उसकी कार मे उसका ड्राइवर भूपेन्द्र और उसके दो साथी मौजूद थे. सूत्रो का दावा है कि वो ऐसे रूट से लालकिले पहुंचा जिस रूट पर कोई चैकिंग नहीं थी और ना ही किसी को शक था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस साजिश का तीसरा चेहरा था गैंगस्टर लक्खा सिधाना.


लक्खा सिधाना ने अपने ग्रुप के जरिए लोगो को जमा किया था और सीधे लालकिले पर आया था. अब तक की जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि 26 तारीख को मुकरबा चौक पर दो किसान नेताओं के नेतृत्व मे जब भीड ने पुलिस बेरीकेड तोड कर दिल्ली मे घुसना शुरू किया तो उस भीड मे मौजूद निहंगो ने वहां मौजूद कई पुलिस वालो को तलवारे लगा दी थी और भीड आराम से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ मुडने की जगह दिल्ली मे आ गई थी.


कौन कर रहा था फंडिंगा


उधर दीप सिद्दू सीधे लाल किले पर उस समय पहुंचा था जब भीड वहां पहुंच चुकी थी और इकबाल सिंह भीड को लाहौरी गेट तोडने के लिए उकसा चुके थे. हालांकि पुलिस कस्टडी मे मौजूद दीप अभी भी पुलिस को कह रहा है कि भीड़ में मौजूद लोगों ने उसे उकसाया था और वो जज्बे मे आकर लालकिले पर चढ गया था लेकिन पुलिस उसकी कहानी पर विश्वास नही कर रही.


जांच से जुड़े एक आला अधिकारी के मुताबिक इस साजिश के तहत तीन से चार ग्रुप बने थे और उनके ऊपर भी कोई आका बैठा था जो इन्हे हुक्म के साथ फंडिग का काम भी कर रहा था अधिकारी ने कहा कि पूछताछ से पता चलता है कि कई किसान नेताओ को यह बात पता थी कि लालकिला निशाने पर है लेकिन किसी भी नेता ने ये बात पुलिस को नहीं बताई.


पुलिस दीप सिद्दू और इकबाल सिंह के बयानो की जांच कर सबूत एकत्र करने की कोशिश कर रही है और इसी के तहत आने वाले दिनो मे कुछ किसान नेताओं से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है.


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