कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान, आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगा आगे का रास्ता
केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. आज SC में मामले की सुनवाई होगी.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. किसान जहां पिछले कई दिनों से अपनी मांगो को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि वो किसी भी कीमत पर इन कानूनों को वापस नहीं लेगी. हालांकि, दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 20 दिनों से डेरा डाले किसानों और सरकार की इस जंग में आज का दिन काफी अहम साबित हो सकता है. दरअसल, दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे रहेंगे या उन्हें कहीं और भेजा जाएगा, इसपर आज देश की सबसे बड़ी अदालत अपना फैसला सुना सकती है.
दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. आज SC में मामले की सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच मामले की सुनवाई करेगी.
ऋषभ शर्मा ने दायर की है याचिका
इस याचिका में दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस तरह लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. याचिका में आगे कहा गया है कि दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाना ज़रूरी है. क्योंकि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं. इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका कानून की पढ़ाई करने वाले ऋषभ शर्मा ने दायर की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाकर सरकार की तरफ से आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही किसानों को प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन भी करना चाहिए.
किसानों से जुड़ी एक और याचिका पर आज होनी है सुनवाई
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में आज किसानों से जुड़ी एक और याचिका पर सुनवाई होनी है. इस याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को किसानों की मांग पर विचार करने का निर्देश दे.
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 20 दिनों से दिल्ली की कई सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. एक तरफ जहां किसान इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार सिर्फ इन कानूनों में संशोधन की बात कर रही है. इस गतिरोध को खत्म करने के लिए अब तक किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन वे सभी बेनतीजा रहीं. अपने प्रदर्शन को और तेज़ करने के लिए किसानों ने आज से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को भी ब्लॉक करने का एलान किया है.
किसान संगठनों ने कहा कि सरकार बाहर से आने वाले किसानों को दिल्ली नहीं आने दे रही है. दूसरी जगह से किसान इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें रोक रही है. किसानों ने कहा कि ये सरकार अंबानी और अडानी की सरकार है. हम इसको अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे.
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