नई दिल्ली: आंदोलनकारी किसानों को समझा पाने में केंद्र सरकार की कोशिशें अब तक नाकाम साबित हो रही हैं. ऐसे में बीजेपी किसानों को जागरूक करने के लिये अब महापंचायत का आयोजन कर रही है. दिल्ली समेत देशभर में बीजेपी के नेता किसानों के बीच जाकर कृषि कानूनों की खासियत बता रहे हैं और उन्हें ये समझाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं कि कृषि कानून किसानों के हित में है. दिल्ली के कंझावला इलाके में भी दिल्ली बीजेपी की ओर से एक महापंचायत का आयोजन किया गया. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी इस पंचायत में मौजूद थे.
किसानों से कृषि बिल को लेकर संवाद करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा, "मोदी सरकार किसानों की सरकार है. इन कानूनों के माध्यम से किसान मंडियो के साथ साथ जहां अच्छा दाम मिले वहां अपनी फसल बेच सकता है. जब एक छोटा सा पेन बनाने वाला अपनी शर्तों पर पेन बेचता है तो देश के किसानों को ये आज़ादी क्यूं नहीं है. एतराज उनको है जो किसान से सस्ते में ख़रीद के महंगे में बेचते हैं. कांग्रेस किसानों की आत्महत्या पर मूक दर्शक बनी रहती थी. किसानों के जो कर्ज़े माफ़ किए गये वो सब कांग्रेस के दलालों के जेब में गया, जबकि मोदी सरकार ने सीधे किसानों की जेब में डाला. कोई भी वार्ता पूर्वाग्रह से ग्रसित हो तो कभी हल नहीं निकलेगा. जब सरकार कह रही है कि जो भी शंका है, सबका समाधान होगा, तो अड़ जाने की ज़रूरत नहीं है."
दिल्ली के किसानों और दिल्ली सरकार के रवैये का ज़िक्र करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा, "दिल्ली में आज भी कई किसान हैं जो वैल्यू एडिशन करके फसल बेच रहे हैं, तो बाक़ी किसानों पर रोक क्यों? इससे किसानों की आय दोगुनी होगी. दिल्ली में ऐसे लोग हैं जो किसानों को किसानों का दर्जा नहीं देते, खाद की कोई सुविधा नहीं है, बिजली के कॉमर्शियल मीटर लगाने पड़ते हैं. धिक्कार है दिल्ली सरकार पर जो किसान आंदोलन में जाकर ड्रामा करती है."
अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि किसानों को लोगों ने अपने आर्थिक फ़ायदे के लिए बॉर्डर पर बिठाया है. ये पंजाब में चुनाव का इंतज़ार कर रहे हैं. चाहे आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस, इनको किसानों से कोई लेना देना नहीं है.
बीजेपी की किसान पंचायत को लेकर आम आदमी पार्टी ने निशाना साधा है कि पंचायत करनी है तो सिंघु या टिकरी बॉर्डर पर जाना चाहिये. इसके जवाब में आदेश गुप्ता ने कहा कि हर जगह जाकर हम किसानों से संवाद कर रहे हैं, जरूरत हुई तो सिंघु और टिकरी बॉर्डर भी जाएंगे.
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