नई दिल्ली: किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे अपने आंदोलन को तेज़ करने की कवायद शुरू कर दी है. इसी के मद्देनज़र रविवार को सिंघु बॉर्डर से प्रेस कॉन्फ्रेस कर किसान संगठनों ने कई एलान किए. आंदोलनरत किसान संगठनों ने घोषणा की है कि किसान आज से सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन का रिले हंगर स्ट्राइक (भूख हड़ताल) करेंगे. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे.
दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, "हमने सभी धरना स्थलों पर कल से 24 घंटों का रिले हंगर स्ट्राइक शुरू करने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत यहां (सिंघु बॉर्डर) प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा."
किसानों ने देशभर में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों से प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की भूख हड़ताल करने का आह्वान किया. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला ने बताया कि किसान 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे.
भारतीय किसान यूनियन के जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, "हम सभी से अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान 27 दिसंबर को जब तक वो बोलते रहें, सभी अपने घरों से थाली बजाएं."
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद थे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "जब तक बिल (कानून) वापिस नहीं होगा, एमएसपी पर क़ानून नहीं बनेगा, तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे. 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें." बता दें कि किसान दिवस पर किसानों ने दोपहर का भोजन नहीं बनाने का एलान किया है.
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