पंजाब: दिल्ली की सरहदों पर डटे हैं किसान, घर पर यूनियन इस तरह रख रहा है परिवार का खयाल
आंदोलनकारी किसानों के परिवारों को हर रोज़ गुरुद्वारा साहिब से अनाउंसमेंट कर मदद का भरोसा दिया जाता है और घर जाकर हाल चाल भी पूछा जाता है.
चंडीगढ़: कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ पंजाब के किसान दिल्ली में डटे हुए हैं, तो पंजाब में किसान यूनियन की तरफ़ से किसानों के परिवारों की पूरी मदद की जा रही है और किसानों को दोबारा राशन भेजने की तैयारी भी हो रही है.
मानसा ज़िले के गांव भैड़ीबाघा में भारतीय किसान यूनियन उगराहां के जिला प्रधान राम सिंह का घर है. राम सिंह ख़ुद दिल्ली में डटे हैं और उनका बेटा सरहद पर देश की रक्षा कर रहा है. डर को एक तरफ रखकर गुरजीत कौर और उनकी बहू गुरदीप सब को हल्लाशेरी दे रहे हैं कि कृषि क़ानून के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनों. इन हालातों में परिवार को फिक्र और संघर्ष की सोच को साथ लेकर चलना पड़ रहा है.
भैड़ीबाघा में सिर्फ़ राम सिंह का घर ही नहीं, बल्कि गांव की आबादी 9 हज़ार के क़रीब है और यहां से 200 से ज़्यादा लोग ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली फ़तह करने गए हैं. इन किसान परिवारों को किसी तरह की कोई परेशानी न आए, इसलिए भारतीय किसान यूनियन डकौंदा ने एक अलग क़दम उठाया है.
आंदोलनकारी किसानों के परिवारों को हर रोज़ गुरुद्वारा साहिब से अनाउंसमेंट कर मदद का भरोसा दिया जाता है और घर जाकर हाल चाल भी पूछा जाता है. हरपिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में किसान जत्थेबंदीयां क़रीब दो महीने से प्रदर्शन कर रही थीं, जब केंद्र की तरफ़ से कोई ठोस जवाब नहीं आया तो ये किसान दिल्ली कूच कर गए.
पंजाब के किसानों ने 26 नवंबर से दिल्ली को कूच करना शुरू किया और यह क़ाफ़िला लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली को जाते पांच रास्तों को किसानों ने रोका है. अब वह वापस कब आएंगे तारीख किसी को नहीं पता. किसान 6-6 महीने का राशन और ज़रूरत का समान अपने साथ लेकर गए हैं. किसी चीज़ की कोई कमी न रह जाए, इसलिए किसानों को दोबारा राशन भेजने की तैयारी की जा रही है.
ये भी पढ़ें: