नई दिल्लीः महाराष्ट्र में हडताल कर रहे किसानों ने आज आख़िरकार अपना आंदोलन फ़िलहाल के लिए स्थगित कर दिया है. रविवार को मुंबई में किसानों की सुकानु समिति और राज्य सरकार द्वारा बनाई गई मंत्रियों की कमिटी की बीच हुई बैठक में ये फैसला हुआ. राज्य के किसानों का कर्ज माफी के आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया है.


इस बैठक में आज किसानों की लगभग सभी मांगे पूरी की गई हैं. राज्य सरकार ने छोटे किसानों (यानि जिस किसान की जमीन 5 एकड़ से कम है) उसका सारा पुराना कर्ज आज से तुरंत माफ करने का फैसला लिया और इस बार की फसल के लिए नया कर्ज तुरंत देने का फैसला लिया. इसका स्वागत किसान नेताओं ने किया है.


वही मध्यमभूमिधारक किसान (यानि जिस किसान के पास 5 एकड से ज़्यादा की जमीन है) और ज़रूरतमंद किसानों का कर्ज माफ करने के लिए एक कमिटी बनाई जाएगी जिसमें किसान, किसान नेता, मंत्री, सरकारी अधिकारी और एक्सपर्ट्स मौजूद रहेंगे जो इस कर्ज माफ़ी पर योजना बनाकर सरकार को पेश करेंगे जिसके बाद सरकार कर्जमाफ़ी लागू करेगी.


आज महाराष्ट्र में सरकार सभी किसानों के कर्ज माफ करने के लिए तैयार हो गई है. महाराष्ट्र सरकार के किसानों को बड़ी राहत देने के बाद अब किसानों ने भी महाराष्ट्र में आंदोलन रोकने की घोषणा कर दी है.


किसानों की और मांगें क्या थीं?
इस मुद्दे के अलावा किसानों की मांग थी कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं. इसमें मुख्य सिफ़ारिश थी किसानों को मिनिमम स्पोर्ट प्राइज़ देने की. सरकार ने ऐलान किया है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी जिसमें किसानों के प्रतिनिधि भी रहेंगे. ये समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर आगे की दिशा तय करेगी.


इसके अलावा सरकार किसानों के दूध के दाम बढ़ाने के लिए भी तैयार हो गई है. जिस तरह शक्कर के लिए सरकार 70-30 (यानि 70 फीसदी मुनाफा किसान करो देती है) उसी तरह दूध में भी दाम बढ़ाकर बढ़ा हुआ मुनाफा किसानों को दिया जाएगा. सरकार इस पर दूध पॉलिसी 20 जुलाई तक लाने जा रही है.


वहीं किसानों की मांग थी कि सरकार आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए मामले वापस ले ले जिसे भी सरकार ने मान लिया है. इस फैसले का स्वागत किसानों ने किया है और फिलहाल के लिए अपने आंदोलन को रोक दिया है.


सरकार ने फ़िलहाल ये आश्वासन दिया है. किसान का साफ़ कहना है कि अगर सरकार आश्वासन पूरे नहीं करती तो 26 जुलाई से दोबारा आंदोलन होगा जो इससे भी ज़्यादा उग्र होगा.


किसान इस विजय का श्रेय किसान एकता को दे रहे हैं. अहमदनगर के दिल पुणतांबा गांव से किसान हडताल की शुरुआत हुई थी, उस गांव के किसानों ने सरकार के साथ साथ एबीपी न्यूज का भी उन्हें साथ देने के लिए धन्यवाद दिया. सरकार की इस भूमिका के बाद किसानों ने 13 जुन को बुलाए रेल रोको आंदोलन और 12 जून को होनेवाले धरना प्रदर्शन को रद्द कर दिया है. जिससे महाराष्ट्र में किसान आंदोलन की आग फ़िलहाल के लिए बुझ गई है.



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