नोटबंदी का साइड इफेक्ट: नाराज़ किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर चलाया ट्रैक्टर
नई दिल्ली: नोटबंदी की मार से देश के किसान बेहद परेशान हैं. किसानों की तैयार फसल को सही दाम नहीं मिल रहे हैं, जिसकी वजह से किसान अब सड़कों पर अपनी फसल को फेंक रहे हैं और कहीं किसान अपनी तैयार फसल पर ट्रैक्टर चला कर अपना विरोध जता रहे हैं.
फसल की सही कीमत ना मिलने पर नाराज किसान
अमृतसर के मजीठा इलाके के नाग कलां गांव में किसान सुखदीप सिंह ने अपनी पकी फसल पर खुद ट्रैक्टर चला दिया, वजह फसल खराब होना नहीं बल्कि उसके बाजिब दाम ना मिलना है. सुखदीप ने अपने खेत में फलियों की फसल उगाई थी इस खेती पर उनका कुल खर्च 17 हज़ार रूपये आया था. लेकिन मुनाफा तो दूर उन्हें फसल का उतना पैसा भी नहीं मिल रहा जो फसल उगाने में लग गया था.
मध्य प्रदेश के किसानों को भी हजारों का नुकसान
मध्य प्रदेश के किसानों को भी हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. विदिशा के अमाछावर गांव के किसान महेंद्र सिंह ने बड़ी उम्मीदों से मूली, टमाटर और गोभी की फसल लगाई थी. लेकिन इनके खेतों पर नजर डालिए कहीं भी फसल का नामोनिशान नहीं है. महेंद्र ने बाजार में मूली के सही दाम ना मिलने की वजह से पूरे खेत में ट्रैक्टर चलवा दिया.
उज्जैन में किसानों ने सड़क पर प्याज फेंककर विरोध जताया
उज्जैन में किसानों ने कई क्विंटल प्याज को सड़क पर फेंक दिया. मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ वक्त पहले तक किसानों से प्याज छह रूपए किलो तक खरीदा था, लेकिन अब प्याज मंडी में पचास पैसे किलो तक खरीदा जा रहा है. जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में किसानों ने 70 ट्रक टमाटर को सड़क पर ही फेंक दिया. किसान टमाटर के दाम एक रुपये प्रति किलो तक गिरने का विरोध कर रहे हैं.
नोटबंदी की वजह से फसल के दाम गिरे
नोटबंदी ने देशभर के किसानों की कमर तोड़ दी है. देश का अन्नदाता अब अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए दर दर भटक रहा है. लेकिन कहीं भी उसे फसल के वो दाम नहीं मिल रहे जिसकी उसे उम्मीद थी.