Kisan Andolan Anniversary: किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया. केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए एक बिल पर मुहर लगा चुकी है. लेकिन किसानों का प्रदर्शन अभी भी जारी है. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा, 'आज संविधान दिवस है. पिछले साल हमने ये दिन चुना था ताकी किसान अपना अधिकार पा सके. संघर्ष का एक साल, सफलता का एक साल. जश्न मनाने का दिन है. कायदा यही कहता था कि 11 बार किसानों से बात हुई, 12वीं बार भी होती और फैसला होता. हमने जो मांगे की थी उनमें बहुत सी मांगे पीएम भूल गए.'
योगेंद्र यादव ने कहा, 'हमें वो गिफ्ट दे दो जो हम मांग रहे हैं. एमएसपी का कानून दे दीजिए. एमएसपी का सवाल करोड़ों किसानों के लिए अस्तित्व का सवाल है. अन्नदाताओं के पेट का सवाल है. संघर्ष हम छोड़ नहीं सकते, स्वरूप क्या होगा उस पर चर्चा बाद में होगी. एमएसपी के सवाल को नहीं छोड़ेंगे. वाजिव मूल्य की खरीद की गारंटी मिलनी चाहिए. हम चाहते हैं कि 1940 धान पर एमएसपी है तो वो किसान को मिले. कानूनी हक से किसान को मिल जाए.'
उन्होंने आगे कहा, 'भारत में सारी फसलों की कीमत कुल 9 लाख करोड़ है. सरकार खरीदेगी तो 9 लाख करोड़ खर्च होगा. वो तब होगा जब सरकार खरीदकर फसलों में आग लगा दे. खरीदेगी तो बेचेगी भी तो सरकार. एमएसपी का फर्क है. 50 हजार करोड़ सरकार को जेब से देना होगा. देश के बजट का ये 1.6 फीसदी है. 60 फीसदी के लिए क्या इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते.'
योगेंद्र यादव ने कहा, '14 अक्टूबर को दिल्ली आने से पहले सरकार को मेमोरंडम भेजा था, 11 राउंड में बात की, सबने एमएसपी का मुद्दा उठाया. सरकार ने लिखित दस्तावेज में कहा कि आपने एमएसपी की बात उठाई. नई बात नहीं उठा रहे. पहले दिन से कह रहे हैं कि मोदी जी अपना जबरदस्ती का गिफ्ट वापस लो. जो हमने मांगा है वो दो. मोदी जी को आधा सेंटेंस सुनाई दे तो ठीक नहीं. कल संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में स्वरूप क्या होगा इस आंदोलन का कल तय होगा.'