Delhi Chalo Protest: विभिन्न किसान संगठनों की ओर से 'दिल्ली चलो मार्च' का आह्वान किए जाने के बीच सोमवार (12 फरवरी) को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसानों के बीच पांच घंटे से ज्यादा समय तक बैठक हुई. बैठक के बाद देर रात किसानों ने मीडिया को बताया कि मीटिंग फेल हो गई. एमएसपी के मुद्दे पर कोई बात नहीं बनी है.


किसानों ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार टाइमपास कर रही है. किसानों ने मीडिया से कहा, ''सरकार ने दो साल पहले हमसे वादे किए थे लेकिन कुछ भी नहीं किया गया.'' किसानों ने कहा कि आंदोलन जारी है और मंगलवार (13 फरवरी) को 10 बजे वो संघू बॉर्डर से आगे कूच करेंगे.


सूत्रों ने बताया कि किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि लखीमपुर में मारे गए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा और बिजली एक्ट 2020 को रद्द किया जाएगा. इस बात पर भी सहमति बनी है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मामले वापिस होंगे.


किसान अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को मार्च का आह्वान किया है.


पंजाब के कई इलाकों से निकल चुकी हैं ट्रैक्टर ट्रॉली


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मार्च में शामिल होने के लिए पंजाब के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली सुबह से निकल चुकी हैं. दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘‘सामाजिक अशांति’’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है.


दिल्ली में कर दी गई सुरक्षा कड़ी


राष्ट्रीय राजधानी में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं. वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गई है. इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा जिससे यात्रियों को असुविधा हुई.


किसानों संगठनों ने की है ये घोषणा


संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के वास्ते कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 200 से अधिक किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे.


बैठक में ये मंत्री हुए शामिल


किसान 2021 में आंदोलन वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना भी था. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा सहित केंद्रीय मंत्रियों ने चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेताओं के साथ बैठक की, जो देर शाम तक जारी रही.


संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर सहित अन्य लोग यहां जारी बैठक में शामिल हुए. केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच आठ फरवरी को पहली बैठक में विस्तृत चर्चा हुई थी.


(भाषा इनपुट के साथ)


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