नई दिल्लीः कर्ज माफी और फसलों के उचित दाम समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली की सड़कों पर जुटे हजारों किसानों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का साथ मिला है. राहुल गांधी करीब दो बजे दिल्ली के संसद मार्ग पर पहुंचकर किसानों को संबोधित कर सकते हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल शाम चार बजे किसानों के इस प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं.


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों ने संसद की ओर मार्च किया. किसानों के इस प्रदर्शन में योगेंद्र यादव का संगठन स्वराज इंडिया भी शामिल है. आपको बता दें कि योगेंद्र यादव को जबरन आम आदमी पार्टी (आप) से निकाल दिया गया था जिसके बाद उन्होंने स्वराज इंडिया का गठन किया.


अब केजरीवाल किसानों के मुद्दे पर योगेंद्र यादव के साथ एक मंच पर दिखेंगे. पार्टी से निकाले जाने के बाद ऐसा पहली बार होगा कि योगेंद्र यादव और केजरीवाल मंच शेयर करेंगे.


क्या है किसानों की मांग
किसानों का यह मार्च रामलीला मैदान से जवाहरलाल नेहरु मार्ग, गुरुनानक चौक, रणजीत सिंह फ्लाईओवर ,बाराखंबा चौक होते हुए संसद मार्ग तक पहुंच चुका है. कर्जमाफी, फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि के लिए विशेष सत्र बुलाने जैसी मांगों को लेकर सभी किसान मार्च कर रहे हैं.


किसान मार्च को लेकर भारी संख्या में जवान तैनात
दिल्ली में 3,500 से ज्यादा जवान मार्च वाले रास्तों पर तैनात किए गए थे. वहीं उप-निरीक्षक रैंक तक के 850 पुलिसकर्मी की भी तैनाती की गई थी. किसानों के इस मार्च को शरद यादव ने समर्थन देने का एलान किया है.


शरद यादव और देवेगौड़ा का मिल चुका है समर्थन
शरद यादव ने कहा कि मैं देश से आए किसानों को संबोधित करूंगा जो इस सरकार के शासनकाल में बेहद परेशान और बेचैन हैं. फसल बीमा योजना से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तक सारे वादे ढकोसला साबित हुए हैं. हमारे अन्नदाता ही नहीं बल्कि देश की बाकी जनता भी बेहाल है. इस सरकार को उखाड़ फेंकना है.


वहीं इस मामले को लेकर जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कोई भी सरकार किसानों के समर्थन के बिना नहीं टिक सकती है. रामलीला मैदान में किसानों को संबोधित करते हुए गौड़ा ने कहा कि वह उनके दुख और दिक्कतों को समझते हैं क्योंकि वह खुद किसान के बेटे हैं.


किसानों ने जमकर लगाए नारे
इस मार्च में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से एक लाख से भी ज्यादा किसान दिल्ली पहुंचे हैं. मार्च के दौरान किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाए.


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों से किसानों की मांग का समर्थन करते हुये आंदोलन में भागीदारी की है. आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है.


इस मार्च में शामिल होने के लिए आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों से किसान पहुंचे हैं.


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