महाराष्ट्र: हजारों किसान पहुंचे मुंबई के पास, परसों करेंगे विधानसभा का घेराव
महाराष्ट्र में नासिक से चले हजारों किसानों का लॉन्ग मार्च ठाणे जिले तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए लाखों किसान सोमवार को विधानसभा का घेराव करेंगे.
मुंबई: महाराष्ट्र में नासिक से चले हजारों किसानों का लॉन्ग मार्च ठाणे जिले तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए लाखों किसान सोमवार को विधानसभा का घेराव करेंगे. कर्जमाफी समेत किसानों की कई मांगे हैं, उनका कहना है जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वो आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.
ठाणे में जहां तक नजर जा रही है आंदोलनकारी किसान ही किसान नजर आ रहे हैं. नासिक से 6 मार्च को निकला करीब 30 हजार किसानों का ये मोर्चा ठाणे जिले तक पहुंच चुका है. ठाणे मुंबई से बिल्कुल सटा हुआ है. इस मोर्चे के परसों शाम तक मुंबई पहुंचने की उम्मीद है. किसान नेताओं का दावा है कि 12 मार्च को लाखों किसान महाराष्ट्र विधानसभा का घेराव करेंगे.
किसानों की मुख्य मांग तो कर्जमाफी ही है लेकिन इसके इलावा कुछ और मांगों को लेकर ये लोग महाराष्ट्र सरकार के साथ आर पार की लड़ाई करने पहुंच रहे हैं.
इनकी प्रमुख मांगें ये हैं- किसानों को फसल का डेढ गुना भाव मिले, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हों, कपास के कीड़े से हुए नुकसान और ओले गिरने से हुए नुकसान के चलते किसानों को हर एकड पर 40 हजार मुआवजा दिया जाए, किसानों का बिजली का बिल माफ किया जाए.
दरअसल मई 2017 में महाराष्ट्र के किसानों ने एक बडा आंदोलन करके सरकार से क़र्ज़ माफ़ी का माँग की थी. आंदोलन के दबाव में आकर सरकार ने 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों का सारा पुराना कर्ज माफ़ करने का निर्णय लिया और नया कर्ज तुरंत देने का निर्णय लिया. जिसका स्वागत किसान नेताओं ने किया था.
लेकिन किसानों का आरोप है कि सरकार ने 34,000 करोड़ का क़र्ज़ माफ़ करने की घोषणा की थी लेकिव वास्तव में पिछले सात महीनों में केवल 13700 करोड़ का ही क़र्ज़ माफ़ किया गया. किसान नेता अजित नवले के मुताबिक क़र्ज़ माफ़ी के मुद्दे पर सरकार केवल झुठे आश्वासन दे रही है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने आश्वासन दिया था कि 90 लाख किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया जाएगा. लेकिन वास्तव में अब तक केवल 34 लाख किसानों के क़र्ज़ माफ़ी के नाम पर 25000 रुपये किसानों को देकर क़र्ज़ माफ़ करने का ढिंढोरा पीट रही है.
किसानों के इस मार्च को वामपंथी दलों का समर्थन पहले से मिल चुका है, और ऐसा माना जा रहा है किसानों के मुद्दे पर फडणवीस सरकार को घेर रही कांग्रेस और NCP भी इसमें किसानों का साथ दे सकती हैं. ऐसे में किसानों का ये आंदोलन फडणवीस सरकार के लिए बड़ी मुश्किल जरूर खड़ी करेगा.