कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन बढ़ा सकता है आपके किचन का बजट, जानें कैसे
कृषि कानून के विरोध किसानों का आंदोलन जारी है. ऐसे में दिल्ली के 2 बॉर्डर सील होने के चलते सब्ज़ी मंडियों पर सब्जी की सप्लाई पर असर देखने को मिला है.
नई दिल्लीः दिल्ली के बॉर्डर पर किसान कानूनों के विरोध में किसान प्रदर्शन पर बैठे हैं जिसके चलते दिल्ली के दो बॉर्डर पूरी तरह से सील है. दो बॉर्डर के सील होने से दिल्ली की सब्ज़ी मंडियों पर सब्जी की सप्लाई पर असर देखने को मिला है. दिल्ली की दो बड़ी सब्ज़ी मंडियों आजादपुर और गाज़ीपुर मंडी पर असर पड़ा है. लेकिन मंडी व्यापारियों का कहना है कि अगर आंदोलन लंबा चला तो आने वाले दिनों में दिल्ली वालों के लिये मुसीबत बढ़ सकती है.
दिल्ली की गाज़ीपुर मंडी में आलू के थोक व्यापारी मोहम्मद असलम ने बताया कि पंजाब से इस समय में सबसे ज्यादा आलू आता है. लेकिन फिलहाल प्रदर्शन की वजह से ट्रक नहीं आ पा रहे हैं. रोज़ाना करीब 50 ट्रक हरियाणा पंजाब से आते थे जो घटकर 3-4 ही रह गए हैं. जो आलू इस समय 1 बोरी यानि 50 किलो 1000 रुपये का बिकना चाहिए था वो 1300-1400 का है.
ट्रक बॉर्डर पर फंसे होने की वजह से लाखों का सामान खराब हुआ
पंजाब से सप्लाई आलू और मटर की होती है इसलिए उसके दाम पर फर्क पड़ा है. मटर जैसी सब्जी जो जल्दी सड़ जाती है उसके कई ट्रक बॉर्डर पर फंसे होने की वजह से लाखों का सामान खराब हो गया है. हालांकि बाकी सब्जियों पर अभी ज्यादा फर्क नहीं आया है क्योंकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से आने वाली सब्जियां आ रही हैं. लेकिन अगर आंदोलन और लंबा चला और बाकी बॉर्डर भी बंद कर दिये गये तब दिक्कत हो सकती है. गाज़ीपुर मंडी में ही रिटेल में सब्ज़ियां बेचने वाले विक्रेताओं ने हमें बताया कि सप्लाई में फर्क पड़ा है. अभी वो लोग आलू करीब 35-40 रुपए प्रति किलो का बेच रहे हैं पहले 20-25 रुपए का बेच रहे थे.
एशिया की सबसे बड़ी सब्ज़ी मंडी आज़दपुर में भी आंदोलन का असर बताया जा रहा है. आज़दपुर मंडी APMC के चेयरमैन आदिल अहमद खान का कहना है कि किसान आंदोलन से आजादपुर मंडी में फल और सब्जी की आवक पर करीब 50 फीसदी का फर्क पड़ा है. आम दिनों में करीब 12 हजार टन फल और सब्जी मंडी के अंदर आते थे जो घटकर करीब 6 हजार टन ही रह गया है. आदिल अहमद खान ने कहा कि केंद्र सरकार से अपील है कि किसानों के साथ बातचीत कर इसका हल निकालें वरना सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी फलों सब्जी और दूसरी जो जरूरत की चीजें हैं उनकी दिक्कत होने लगेगी, क्योंकि आजादपुर मंडी से सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में सप्लाई होती है.
बाकी बॉर्डर भी हुए सील तो भारी दिक्कत का करना पड़ सकता है सामना- मंडी व्यापारी
आजादपुर मंडी में आलू के थोक विक्रेताओं से भी हमने बात की. मंडी के व्यापारी उमेश अग्रवाल का कहना है कि आंदोलन के शुरुआती दिनों में दिक्कत ज्यादा हो गई थी लेकिन उसके बाद उत्तर प्रदेश से आलू आना शुरू हो गया है. पिछले 2 दिनों से स्तिथि बेहतर हुई है. 50 किलो आलू का दाम 1800 रूपए से घटकर करीब 1100-1200 रूपए हो गया है. लेकिन जैसा कि किसानों का कहना है उस हिसाब से अगर बाकी बॉर्डर भी सील किये गए तो दिक्कत बढ़ सकती है.
आज़ादपुर मंडी में पंजाब से ट्रक लेकर आये कुछ ट्रक ड्राइवर्स का कहना है कि वो करीब 3-4 दिन से यहां रुके हुए हैं. बॉर्डर बन्द होने के चलते गांव के अंदर से गलियों से होते हुए ट्रक लेकर आये थे. बहुत सारे ट्रक आंदोनल के चलते कई दिनों से रास्ते मे ही फंसे हैं. मंडी में ट्रक खाली नहीं हो रहा है इसलिए रुके हुए हैं. अगर प्रदर्शन जारी रहा तो वापसी में भी दिक्कत होगी.
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन भी किसानों के समर्थन में उतर कर सकती है काम बंद- ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन अध्यक्ष
दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र कपूर का कहना है कि सरकार को पहले ही इसके बारे में सोचना चाहिए था या हमें अलर्ट करना चाहिए था. हमारी कई सारी गाड़ियां प्रदर्शन के चलते फंसी हुई हैं. दिल्ली में ना सामान आ पा रहा है ना बाहर सप्लाई हो पा रहा है. अभी तक किसी तरह की कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है लेकिन ये स्थिति ज्यादा दिन तक बनी रही तो चिंता की बात हो सकती है. करीब 40-50 हजार ट्रकों की रोजाना आवाजाही है जिस पर काफी असर पड़ा है. अगर जरूरत पड़ी तो ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन भी किसानों के समर्थन में आएगी और काम बंद करने के बारे में भी विचार करेंगे.
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