नई दिल्ली: बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का दायरा 12 दिसंबर से और ज़्यादा बढ़ने का अनुमान है. किसान अभी तक दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर्स पर बैठे हैं. लेकिन, 12 दिसंबर से किसानों की ऐसी ही तस्वीरें दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली आगरा बॉर्डर से भी आ सकती हैं.


दरअसल, किसान पहले ही एलान कर चुके हैं कि किसान आंदोलन का दायरा 12 दिसंबर से बढ़ने जा रहा है. किसानों ने सरकार से बात ना बनने के बाद ऐलान किया है कि 12 दिसंबर से दिल्ली जयपुर हाईवे और दिल्ली आगरा हाईवे को भी जाम किया जाएगा. ऐसे में अब देखना होगा की किसान आंदोलन के चलते आखिरकार दिल्ली जयपुर हाईवे और दिल्ली आगरा हाईवे की तस्वीर कैसी रहती है.


टोल फ्री होंगे टोल नाके


केंद्र सरकार से बातचीत ना बनने के बाद जहां एक तरफ किसानों ने दिल्ली जयपुर और दिल्ली आगरा हाईवे को 12 दिसंबर से बंद करने का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने देशभर के सभी टोल नाकों को भी टोल फ्री करने का एलान किया है. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए देशभर के सभी टोल प्लाजा 12 दिसंबर को फ्री करने का ऐलान किया है. किसान संगठन इसके जरिए सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं. देशभर में यदि सभी टोल प्लाजा 1 दिन के लिए भी फ्री रहते हैं तो इससे करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए यही आर्थिक मोर्चे बंदी का प्लान बनाया है.


14 दिसंबर से जिलों में घेराबंदी


केंद्र सरकार से बातचीत ना बनने के बाद अब किसानों ने सरकार पर और ज्यादा दबाव बनाने की रणनीति बनाई है. जहां एक तरफ 12 दिसंबर को दिल्ली जयपुर और दिल्ली आगरा हाईवे को बंद करने का ऐलान किसानों ने किया है तो वहीं दूसरी तरफ देशभर के सभी टोल प्लाजा टोल फ्री करने का ऐलान भी किया है. इसके बाद आगे की रणनीति बनाते हुए किसानों ने 14 दिसंबर से जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के दफ्तर घेरने का भी प्लान बनाया है. इस पूरी रणनीति का मकसद है कि केंद्र सरकार किसानों की तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांगों को जल्द से जल्द मान ले.


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