मुंबईः महाराष्ट्र के विदर्भ का किसान फिर एक बार सुर्खियों में है. फसल को कम भाव, फसल की कम पैदावार और कर्ज का बोझा विदर्भ के किसान की कमर तोड़ दी है. जानकारी के मुताबिक पिछले 16 महीनों में 1784 किसानों ने खुदकुशी की है. मतलब हर महीने 111 के करीब किसानों की मौत. इंन्ही में से एक है यवतमाल के पिंपरी बुटी गाव के युवा किसान अंकुश नवले. जिन्होंने 7 अप्रैल 2021 को घर में जहर पी कर आत्महत्या की. इसी तरह वर्धा के पेड़गांव के किसान दिलीप टेपने ने अक्टूबर 2020 में आत्महत्या कर ली.
सबसे ज्यादा खुदखुशी अमरावती डिवीजन में
किसानों की सबसे ज्यादा खुदखुशी अमरावती डिवीजन के यवतमाल में हुई हैं. 2020 में इस जिले में 319 किसानों ने खुदकुशी कर जान दी थी. वहीं इस साल के चार महीनों में अबतक 83 किसान जान दे चुके हैं.
नागपुर में 16 महीने में 386 किसानों ने दी जान
नागपुर डिवीजन में इन 16 महीनों में 386 किसानों ने खुदकुशी कर जान दी है. वर्धा जिले में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां पिछले साल 152 और इस साल 40 किसान जान दे चुके हैं.
इन किसानों को नहीं माना गया मुआवजे के लायक
किसान आत्महत्या के मामले बड़ी संख्या में सामने के बाद भी इन किसानों को मुआवजे का पात्र नहीं माना गया. जैसे अमरावती डिविजन में 2020 में 1137 आत्महत्या में सिर्फ 494 को मुआवजे के योग्य माना गया. बाता दें कि राज्य सरकार से योग्य पाए जाने पर एक लाख रुपए का मुआवजा मिलता है.