किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को दी गयी श्रद्धांजलि, शहीद का दर्जा देने की मांग की
किसानों ने एक बार फिर कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे वापस लौटेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाएं.
नई दिल्ली: किसान आंदोलन का आज 25वां दिन है. इन 25 दिनों के अंदर किसान आंदोलन में शामिल होने वाले कुछ लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. सिंघु बॉर्डर पर उन सभी आंदोलनकारियों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि दी गई जो इस आंदोलन में अपनी जान गवां चुके हैं. यहां 24 लोगों की फोटो दिखी. इनके अलावा भी कुछ अन्य लोगों की मृत्यु हुई है, सभी को श्रद्धांजलि दी गई.
मृतकों को मिले शहीद का दर्जा, दिया जाए 1 करोड़ का मुआवजा
किसान आंदोलन में मृतकों को श्रद्धांजलि देने वाले लोगों में शामिल किसानों का कहना है कि बेशक वे इन लोगों को व्यक्तिगत तौर पर न जानते हों लेकिन वे सभी किसान थे, किसान के बेटे थे. सभी यहां पर किसानों के हक के लिए आये हुए थे. सभी को शहीद का दर्जा देना चाहिए, साथ ही हम मांग करते हैं कि सभी के परिजनों में से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाए और एक-एक करोड़ का मुआवजा भी.
तीनों कानून रद्द होने तक यहीं डटे रहेंगे
किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए किसानों ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मांग जब तक पूरी नहीं होती तब तक वे वापस नहीं लौटेंगे. मांग यही है कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो हम सब यहां से कहीं नहीं जाएंगे.
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