मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन के दौरान हिंसा के संबंध में कम से कम 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 100 से ज्यादा को हिरासत में लिया गया है. मंदसौर शहर के चार पुलिस थाना इलाकों और जिले में पिपलिया मंडी में शाम चार बजे से छह बजे तक कर्फ्यू में दी गई दो घंटे की ढील शांतिपूर्वक रही. जिलाधीश ओ पी श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें कल भी राहत दी जा सकती है. कुछ इलाकों में लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाने वाली पर्चियां कथित तौर पर बांटी गई और पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.


पुलिस ने 102 लोगों को भी हिरासत में लिया


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आगजनी और हिंसा से संबंधित अन्य अपराधों के लिए 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि निषेधाज्ञा आदेश का उल्लंघन करने के लिए 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने 102 लोगों को भी हिरासत में लिया है. जिले में गोलीबारी में पांच किसानों के मारे जाने के बाद एसपी ओम प्रकाश त्रिपाठी का तबादला कर दिया गया. उन्होंने कहा कि हिंसा की विभिन्न घटनाओं के संबंध में सात मामले दर्ज किए गए हैं.


श्रीवास्तव के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए त्रिपाठी ने कहा कि बरहेडा पंत इलाके में कल मंदसौर के पूर्व जिलाधीश एस के सिंह के साथ र्दुव्‍यवहार किए जाने के मामले में भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि पिपलिया मंडी के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ठाकुर को किसानों पर गोलीबारी के संबंध में फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है. राकेश चौधरी को नया टाउन इंस्पेक्टर बनाया गया है.


महिलाओं और बच्चों के लिए कर्फ्यू में ढील


आज प्रभार संभालने वाले श्रीवास्तव ने कहा कि वह ‘‘चुनौतीपूर्ण स्थिति’’ का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा हूं.’’ मंदसौर के एसडीएम एन एस राजावत ने कहा कि मंदसौर और पिपलिया मंडी में महिलाओं और 10 साल तक के बच्चों के लिए ही कर्फ्यू में ढील दी गई थी लेकिन स्थिति सुधरने पर प्रशासन ने सभी के लिए छूट बढ़ाने का फैसला लिया है.


मंडलीय आयुक्त एम बी ओझा ने कहा कि स्थिति करीब-करीब सामान्य है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो या तीन दिन से किसान वाहनों को रोक रहे थे और उनमें आग लगा रहे थे. आज ऐसी कोई घटना दर्ज नहीं की गई.’’ फूंके गए वाहनों को आज सुबह राजमार्ग पर से हटा लिया गया और यातायात बहाल किया गया.


हिंसा ग्रस्त राज्य में आरएएफ के 1,100 कर्मियों को भेजा


पश्चिमी मध्य प्रदेश में किसान कर्ज माफी और अपने उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने समेत कुछ और मांगों को लेकर एक जून से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का प्रदर्शन हिंसक हो जाने पर मंगलवार को पांच लोग मारे गए. संवेदनशील स्थिति के मद्देनजर केंद्र सरकार ने हिंसा ग्रस्त राज्य में आरएएफ के 1,100 कर्मियों को भेजा है.