Kisan Andolan 2.0: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई अन्य मांगों को लेकर हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस देश में किसान कई धड़ों में बंटे हुए हैं और अलग-अलग आंदोलन किया जाएगा तो इसका नुकसान होगा.


एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “किसान तो कई फाड़ हैं इस देश में. अलग-अलग आंदोलन करेंगे तो नुकसान भी होगा. हम वहां पर किसानों के साथ हैं. अगर किसानों के साथ अत्याचार होगा तो हम उनके साथ हैं.” इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरह से शंभू बॉर्डर पर कील और कांटे बिछा रखे तो वो पाकिस्तान का बॉर्डर लग रहा है.


एमएसपी को लेकर क्या बोले राकेश टिकैत?


न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, “सबसे बड़ा सवाल को एमएसपी का है. ये कानून लागू होना चाहिए. सरकार जितनी खरीद करनी है तो कर ले लेकिन व्यापारी को जब खरीद करनी हो तो उससे कम पर खरीद न करे.”


दिल्ली पहुंचने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी हम दिल्ली नहीं जा रहे. जब जाएंगे तब दिया जाएगा. इसको लेकर एक बैठक होनी है, उसी में फैसला होगा कि आगे की रणनीति क्या होगी.


बीकेयू ने किया प्रदर्शन


न्यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, बकाया गन्ना मूल्‍य के भुगतान, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्‍न मांगों को लेकर मेरठ में बीकेयू की ओर से मेरठ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कई जगह अवरोधक भी लगाये थे, मगर किसान उन्हें जबरन रास्ते से हटाते हुए आगे बढ़ गए.


टिकैत ने सरकार की ओर से दिल्‍ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए रास्‍ते में कीलें बिछवाये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, ‘‘रास्ते में कीलें बिछाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है. वे अगर हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे. हमें भी अपने गांव की बैरिकेडिंग करनी होगी.’’


टिकैत ने यह भी कहा, ‘‘अगर वे दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में हम भी उनको गांव नहीं आने देंगे. आंदोलन को कुचलने का काम करेंगे तो उन्हें गांव में कौन आने देगा? कील तो गांव में भी है.’’


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