Rakesh Tikait On MSP: संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार एमएसपी के मुद्दे पर किसानों से सीधे बात करे. टिकैत ने कहा है कि सरकार हमसे बातचीत नहीं करना चाहती है. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर सबकी निगाहें हैं. लीगल कानून बना के दें. कमेटी गठन कर दें जो इन सबसे अलग मामलों को देखें. सीड बिल, पेस्टीसाइड, इन पर ये कमेटी बात करे.
राकेश टिकैत ने आंदलोन के दौरान हुई किसानों की मौतों पर कहा, "हमारे 750 किसान शहीद हुए हैं, उस पर भारत सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया, जो हमारे ऊपर मुकदमे है उस पर कोई जवाब नहीं दिया. लखीमपुर खीरी की घटना पर कोई जवाब नहीं दिया और एमएसपी, बार बार ये कहती थी कि एमएसपी पर मत बोलो. किसान की सबसे ज्यादा लूट एमएसपी पर होती है. उससे भारत सरकार बचना चाहती है. ये हमारा बड़ा मुद्दा है, प्राथमिक मुद्दा है. भारत सरकार एमएसपी को कानून गारंटी बनाए."
राकेश टिकैत ने इस दौरान कहा कि संयुक्त मोर्चे का राजनीति का कोई प्लान नहीं है. उन्होंने कहा, "कल बाम्बे (मुंबई) में प्रोग्राम है. भारत सरकार बातचीत पर आई है. 29 वाला प्रोग्राम वापस लिया गया है. 4 (दिसंबर) को मिटिंग है.
चुनाव को लेकर कही ये बात
राकेश टिकैत ने कहा, "जिस दिन आचार संहिता लग जाएगी तब बता देंगे चुनाव में क्या करेंगे." उन्होंने कहा कि जब तक खीरी (लखीमपुर खीरी कांड) में न्याय नहीं मिलेगा, तब तक चर्चा करते रहेंगे खीरी कांड की. मोदी सरकार का बड़ा प्लान है किसान की जमीन छीनना चाहती है. उन्होंने कहा कि 700 से ज्यादा शहीद किसानों के लिए मांग की है कि उन्हें मुआवजा मिले सरकार से. उनका स्मारक भी बने.
एसकेएम ने स्थगित किया ट्रैक्टर मार्च
किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने संसद तक 29 नवंबर को आहूत अपने ट्रैक्टर मार्च को स्थगित कर दिया है और अगले महीने एक बैठक में आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. मार्च को स्थगित करने का निर्णय संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से दो दिन पहले किया गया है. संसद सत्र के दौरान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया जाना है.