Farmers protest: कोरोना के चलते आर्थिक तंगी झेल रहे कारोबारी संगठनों का भारत बंद को समर्थन नहीं
किसानों की ओर से भारत बंद का आह्वान सुबह 11 बजे से किया गया है. बंद के दौरान ऐंबुलेंस और आपात सेवाओं को रोका नहीं जाएगा और शादियों में भी बाधा नहीं पहुंचाई जाएगी.
नई दिल्ली: किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है, जिसका राष्ट्रव्यापी असर दिखने को मिल रहा है. भारत बंद से देश की राजधानी में कौनसी सेवाएं बंद रह सकती हैं, इस बात को ध्यान में रखकर ही अगर घर से निकलें तो सुविधाजनक होगा. देश भर के किसान संगठनों ने कृषि क्षेत्र से जुड़े नए तीन कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की खातिर भारत बंद का ऐलान किया है. अलग-अलग राज्यों में भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है. वहीं कुछ जगहों पर स्थानीय स्तर पर बड़े प्रदर्शन की योजना भी है.
नई दिल्ली ट्रेडर एसोसिएशन (NDTA) के अध्यक्ष अतुल भार्गव के मुताबिक दिल्ली के व्यापारी पिछले कई महीनों से कोरोना वायरस महामारी के चलते बहुत तंगी झेल रहे हैं और अब लंबे अरसे बाद उनका काम सुचारू रूप से शुरू हुआ है, जिसे वो बाधित नहीं करना चाहते. भार्गव कहते हैं कि किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है, जिसकी चर्चा है कि बंद होना चाहिए या नहीं. पुलिस बॉर्डर पर तैनात है जिस वजह से दिल्ली में ज्यादा दिक्क्त नहीं होगी. हमने दिल्ली पुलिस से भी इस विषय में बात की है कि जरूरी सुरक्षा हमें प्रदान की जाए क्योंकि हम मार्केट खोलेंगे. ये वक्त बहुत मुश्किल वक्त है. हम घाटे में मार्केट चला रहे हैं और लोगों की उम्मीद को हम तोड़ना नहीं चाहते. इन सभी बिंदुओं के मद्देनजर हमने यह फैसला लिया है कि पहले की तरह काम करेंगे.'
भारत बंद में हिस्सा नहीं लेंगे
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (कैट), जिनके तहत छह हजार करोड़ से भी ज्यादा व्यापारी जुड़े हैं, के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं कि देश के व्यापारी और ट्रांसपोर्टर भारत बंद में हिस्सा नहीं लेंगे. हमारा यह निश्चित मत है कि जब सरकार और किसानों के बीच बातचीत चल रही है तो ऐसे में किसी भी प्रकार के बंद का कोई औचित्य नहीं है. किसी भी किसान संगठन ने हमारा मत मांगा भी नहीं है. सरकार को किसान के सम्मान में ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिनसे किसान फायदे की खेती कर सके. व्यापारी और ट्रांसपोर्ट के साथ किसान हमारी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं और उनकी वाजिब मांगों को सुना जाना चाहिए.
ट्रांसपोर्ट कारोबार बंद नहीं
ट्रांसपोर्ट सेक्टर के दिग्गज संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) के चेयरमैन प्रदीप सिंघल कहते हैं कि किसानों ने आह्वान किया है कि पूरा भारत बंद किया जाए. हमारी पूर्ण सहानुभूति किसानों के साथ है. मेरा सरकार से अनुरोध है कि वो पूर्ण सहानुभूति के साथ किसानों से बातचीत करे और इस मसले को जल्द से जल्द सुलझाए. कोरोना काल में सप्लाई चेन को बाधित करने या जरूरी सामान कि आपूर्ति रोकने का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए हम लोग किसानों को मॉरल सपोर्ट देते हुए और सहानुभूति रखते हुए इस बंद में शामिल नहीं हैं. किसी भी किसान संगठन ने हमसे यह अपेक्षा या मांग भी नहीं की है कि हम ट्रांसपोर्ट कारोबार बंद कर दें या जरूरी चीजों की सप्लाई को रोक दें.
बता दें कि किसानों की ओर से भारत बंद का आह्वान सुबह 11 बजे से किया गया है. बंद के दौरान ऐंबुलेंस और आपात सेवाओं को रोका नहीं जाएगा और शादियों में भी बाधा नहीं पहुंचाई जाएगी. फिलहाल दिल्ली को जोड़ने वाली कई सीमाएं जैसे- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 स्थित गाजीपुर बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर, झरोडा बॉर्डर बंद हैं. इसके अलावा कई और सीमाएं भी सील हैं.
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