Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर चौथे दिन भी किसानों का जमावड़ा, सरकार बातचीत को तैयार लेकिन किसान नहीं राजी
दिल्ली जाने की इजाजत मिलने के बावजूद किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए है. उनकी मांग है कि दिल्ली के रामलीला मैदान या जंतर मंतर पर उन्हे प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए.भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सलाह-मशविरा करने के बाद यहां से आगे बढ़ेंगे. तब तक यहीं डेरा डालेंगे.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आज चौथे दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की मांग पर अड़े किसानों को बुराड़ी स्थित निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई लेकिन किसान अब भी सिंघु बॉर्डर पर अड़े हुए हैं. उनकी मांग है कि उन्हें रामलीला मैदान या जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दी जाए. कल शाम दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई और बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन पंजाब के जनरल सेक्रेट्री हरिंदर सिंह ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे और अपना विरोध प्रदर्शन यहीं करेंगे.
किसानों के प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं. वह नारे लगाकर और गाना गाकर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. टिकरी बॉर्डर पर किसान गाड़ियों में भरकर राशन लाए हैं. एक किसान ने कहा, अनाज खत्म हो जाएगा तो यहां सड़क खोदकर खेती शुरू कर देंगे.गृह मंत्री अमित शाह ने की अपील चार दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी किसानों से गृह मंत्री अमित शाह ने सड़क छोड़कर तय जगह पर प्रदर्शन करने की अपील की है. अमित शाह ने कहा, "किसान भाई अलग-अलग इतनी सर्दी में ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ हाइवे पर बैठे हैं, जो पीड़ादायक है. दिल्ली के मैदान में आएं, वहां बातचीत होगी. यहां आपको सुरक्षा और सुविधाएं मिलेंगी. अगर किसान दिल्ली में तय जगह पर आएंगे तो 3 दिसंबर के पहले भी बातचीत संभव है.
आज दिन में 11 बजे और दोपहर 2 बजे किसानों के सभी संगठनों की बैठक होगी. उसके बाद अमित शाह के प्रस्ताव पर फैसला होगा. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमित शाह के प्रस्ताव का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत के लिए 3 दिसंबर तक का इंतजार क्यों, तुरंत बात करे केंद्र.
"किसानों को बहका कर वेबजह राजनीति करने में लगे कुछ लोग" केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारे देश की राजधानी दिल्ली में कुछ लोग किसानों को बहका कर वेबजह राजनीति करने में लगे है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाई देश के किसानों के लिए ढेर सारी योजनाओं को लागू किया है. जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगी. विपक्षी दलों के बहकावे में कुछ किसान आन्दोलन करने पर तुले है. उन्हें धीरे धीरे समझ में आ जाएगी.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य ने किसानों से अपील की है कि वह किसी राजनीतिक दल के बहकावे में न आएं और अपना आंदोलन खत्म कर दें. केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारें उनके हित में हर संभव कदम उठा रही हैं.
करनाल में किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करनाल में किसान आंदोलन कर रहे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई किसानों के खिलाफ करनाल पुलिस ने सदर थाना में मामला दर्ज किया है. तोड़फोड़, काम में बाधा डालने सहित विभिन्न धाराओं में किसानों पर केस दर्ज किया गया है. 26 नवंबर को किसान कृषि कानून आंदोलन में कई किसान संगठन करनाल के रास्ते से दिल्ली कूच करने के लिए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने करनाल से दिल्ली की तरह कूच कर रहे थे.
इसपर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना अपराध नहीं, कर्तव्य है. मोदी सरकार पुलिस की फर्ज़ी FIR से किसानों के मजबूत इरादे नहीं बदल सकती. कृषि विरोधी काले कानूनों के खत्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी. हमारे लिए ‘जय किसान’ था, है और रहेगा!
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