नई दिल्ली: ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में पहली गिरफ्तारी के जरिए दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन में खालिस्तानी साजिश खोजने में जुट गई है. इस मामले में गिरफ्तार 21 साल की छात्रा दिशा रवि पांच दिन की पुलिस हिरासत में है. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने उसे रविवार बेंगलुरू से गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. जहां से दिशा को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि इस साजिश में कई औऱ लोग शामिल हो सकते हैं. इसलिए दिशा रवि को रिमांड में लेकर पूछताछ करनी जरूरी है. दिशा रवि कोर्ट में सुनवाई के दौरान रो पड़ी.


दिशा रवि की गिरफ्तारी पर कांग्रेस और किसान संगठन हमलावर
दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन में खालिस्तानी साजिश का एंगल तलाश रही है लेकिन दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद किसान नेताओं से लेकर कांग्रेस सरकार औऱ दिल्ली पुलिस पर टूट पड़ी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने दिशा रवि की गिरफ्तारी की निंदा की है और उसे तुरंत रिहा करने की मांग की है. दिशा रवि की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार पर सबसे बड़ा हमला बोला.


थरूर ने आतंकियों से सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार और जेल में बंद निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह के मामले को दिशा की गिरफ्तारी से जोड़ते हुए ट्विटर पर लिखा, ''एक्टिविस्ट जेल में और आतंकी बेल पर. आश्चर्य है कि पुलवामा की बरसी पर सरकार ये क्या कर रही है?'' हालांकि थरूर के ट्वीट पर NIA की तरफ से बयान आया कि देविंदर सिंह को NIA के केस में जमानत नहीं मिली है और वो फिलहाल जेल में है.


दिशा रवि पर क्या आरोप हैं?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास पूरे सबूत हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि ने टूल किट डॉक्यूमेंट को तैयार करने और उसे वायरल करने में अहम भूमिका निभाई थी. उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया था और टूल किट तैयार करने में सहयोग किया था और ड्राफ्ट तैयार करने वालों के साथ जुड़कर काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सहयोग से देश के खिलाफ असंतोष का माहौल बनाने का काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है.


कौन हैं दिशा रवि?
महज 21 साल दिशा रवि बेंगलूरु के नामी माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा हैं. अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की ही तरह दिशा रवि भी क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं. दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की सह संस्थापक हैं. फ्राइडे फॉर फ्यूचर वही कैम्पेन है जिसके जरिए ग्रेटा थनबर्ग ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी हैं. दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन से 2018 से जुड़ी हैं, इस कैम्पेन के जरिए दुनिया भर में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर मुहिम चलाई जा रही है.


दिशा रवि बेंगलुरु के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल की छात्रा हैं. उन्होंने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है. दिशा रवि इस समय गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं. दिशा के पिता रवि मैसूरु में एथलेटिक्स कोच हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं. दिशा रवि शाकाहारी हैं और एक वेगान स्टार्ट अप के लिए काम करती है. फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन के तहत दिशा रवि को बेंगलुरु में कई बार शुक्रवार को पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर प्रदर्शन करते देखा गया है. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. दिशा रवि की गिरफ्तारी का किसान संगठनों से लेकर तमाम छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं.


क्या है टूलकिट विवाद ?
किसान आंदोलन के समर्थन में स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ट्वीट किया. ट्वीट में आंदोलन कैसे करना है, इसकी जानकारी वाले टूलकिट को साझा किया गया. टूल किट में किसान आंदोलन को बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम के बारे में बताया गया है. ट्वीट में कौन सा हैशटैग लगाना है, क्या करना है, कैसे बचना है, इसकी जानकारी दी गयी है. पहले वाले टूलकिट को डिलीट किया और दोबारा अपडेट करके ट्विटर पर शेयर किया.


टूल किट क्या है ?
डिजिटल हथियार, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. पहली बार अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान इसका नाम सामने आया था. इसके जरिए किसी भी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों जोड़ा जाता है. इसमें आंदोलन में शामिल होने के तरीकों को बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया जाता है.


आंदोलन के खिलाफ पुलिस अगर एक्शन लेती है तो क्या करना है, ये भी बताया जाता है. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है इसकी भी जानकारी दी जाती है. प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो क्या करें और किससे संपर्क करें. इसकी भी डिटेल दी जाती है.


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