किसान आंदोलन: राहुल का मोदी सरकार पर हमला, कहा- ‘वे असत्य, अन्याय पर अड़े, हम एकजुट यहां खड़े’
कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले साल नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं. आज कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद में प्रदर्शन किया. किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे असत्य, अन्याय, अहंकार पर अड़े हैं.
राहुल गांधी ने संसद में प्रदर्शन करते हुए एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करके लिखा, ‘’वे असत्य, अन्याय, अहंकार पर अड़े हैं, हम सत्याग्रही, निर्भय, एकजुट यहां खड़े हैं. जय किसान! #FarmersParliament.’’
राहुल की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों का प्रदर्शन
कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. संसद भवन में परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष आयोजित इस प्रदर्शन में कांग्रेस के दोनों सदनों के कई सदस्यों ने हिस्सा लिया.
राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, रवनीत बिट्टू, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और कई अन्य सांसद इस धरने में शामिल हुए. कांग्रेस सांसदों ने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री न्याय करो’ के नारे लगाए.
विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार ने क्या कहा?
विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘’मुद्दों, तथ्यों और तर्कों को लेकर किसी भी आंदोलन का स्वागत है, लेकिन किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर किस मुद्दे पर कुछ लोग आंदोलन करना दिखा रहे हैं. सरकार ने कहा कि आप आईये जो मुद्दे आपके पास हैं, उन पर बात करिए, मुद्दे हैं नहीं.’’
बेनतीजा रही कई दौर की वार्ता
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है.