नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले दो महीने से किसानों की ओर से केंद्र सरकार के जरिए लाए गए कृषि कानूनों को विरोध किया जा रहा है. दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. इस बीच सांसद रवनीत सिंह बिट्टू सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही उन पर हमला किए जाने की बात भी सामने आई है.
किसानों की ओर से पिछेल 60 दिनों से बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले. इस बीच पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर विरोध का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही बिट्टू को कथित रूप से अपमानित करने की बात भी सामने आई है.
'मारने की प्लानिंग'
बिट्टू ने कहा, 'आप झंडे उठाकर खालिस्तान के नारे लगाओ, फिर भी हम भागने वाले नहीं है. पहले भी शहादत दी है. हम पर बड़ी प्लानिंग के तहत हमला किया गया है, मारने की प्लानिंग थी. हम लोगों पर कातिलाना हमला किया गया है. हमारी पगड़ी पर हमला किया गया. लाठी से हमला हुआ. हम जाने वाले नहीं है. कुछ लोग हैं, इनसे सरकार और एजेंसी निपट लेंगी. 26 जनवरी को जो होना था वो आज ही एक्सपोज हो गया. उनके हाथ में झंडे थे, वो किसानों के झंडे नहीं थे.'
कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि हम किसान नेताओं की बैठक में भाग लेने गए थे. वहां कुछ लोग हम पर घात लगाए बैठे थे, लोग लाठी और अन्य हथियारों से लैस थे. हम अब कोई कदम नहीं उठाने जा रहे हैं क्योंकि किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है. ऐसे तत्वों को झंडे लहराने के लिए 1 करोड़ से लेकर 80 लाख रुपये तक दिए जाते हैं और मैं वैसे भी एक टारगेट हूं.
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