कांग्रेस ने किसान आंदोलन की आड़ में हुई हिंसा के लिए अमित शाह को बताया जिम्मेदार, मांगा इस्तीफा
सुरजेवाला ने कहा कि उपद्रवियों को लाल किले में घुसने दिया गया और पुलिस कुर्सी पर बैठी रही. 500-700 हिंसक तत्व लाल किले में कैसे घुस सकते हैं. अगर कुछ ऐसे लोग घुस गए और इसकी प्लानिंग कर रहे थे तो गृहमंत्री क्या कर रहे थे.
नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में हिंसा के एक दिन बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को सुरक्षा हालात और शहर में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा, हंगामे और तोड़फोड़ को लेकर गृहमंत्री ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की. इस बीच कांग्रेस ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, 'किसान आंदोलन की आड़ में हुई सुनियोजित हिंसा के लिए गृहमंत्री अमित शाह जिम्मेदार है. उन्हें एक पल भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें तुरंत बर्खास्त करे वरना साबित होगा कि पीएम भी गृहमंत्री के साथ इसमें शामिल थे. दीप सिद्धू और उसके साथी कैसे लाल किले में दाखिल हुए, वो सिद्धू जो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ तस्वीरें खिंचवा के सार्वजनिक करता रहा, क्यों नहीं उसे वहीं उसी वक्त गिरफ्तार किया गया? साफ है किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश थी.'
क्या कर रहे थे गृहमंत्री?
सुरजेवाला ने कहा कि उपद्रवियों को लाल किले में घुसने दिया गया और पुलिस कुर्सी पर बैठी रही. 500-700 हिंसक तत्व लाल किले में कैसे घुस सकते हैं. अगर कुछ ऐसे लोग घुस गए और इसकी प्लानिंग कर रहे थे तो गृहमंत्री क्या कर रहे थे. बीजेपी के करीबी सिद्धू की पूरे प्रकरण में मौजूदगी स्पष्ट है. लाल किले की प्राचीर पर झंडा कैसे लगाने दिया. साफ है कि पुलिस कुर्सी पर बैठी तमाशा देख रही थी और टीवी कैमरों का मुंह लाल किले की तरफ था.
सुरजेवाला ने कहा, 'क्या मोदी सरकार, गृहमंत्री और प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं? अमित शाह के इशारे पर दिल्ली पुलिस उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बजाय किसानों पर मामले बना रही है. कांग्रेस ने अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग की है. किसानों को बलपूर्वक नहीं हटा पाए तो अब छलपूर्वक हटाने की कोशिश की जा रही है. यही है मोदी सरकार का असली चेहरा. जो किसान 60 दिनों से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे तो ऐसा क्या हुआ कि अचानक बिफर गए.'
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