Farmers Protest: 'किसानों के रास्ते में कील-कांटे बिछाना अमृतकाल है या अन्यायकाल', प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर निशाना
Farmers Protest: देशभर के किसान अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल होने आ रहे हैं. इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से कई कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं.
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Priyanka Gandhi Vadra on Farmers Protest: लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले किसानों के केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान करने के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं से चंडीगढ़ में मुलाकात कर उनकी समस्या का समाधान का आश्वासन दिया. इसके बाद भी किसान दिल्ली कूच करने के फैसले पर अडिग दिख रहे हैं. उन्हें रोकने के लिए सरकार इंतजाम कर रही है, जिस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल खड़े किए हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट शेयर कर उन्होंने पूछा है कि किसानों के रास्ते में कील-कांटे बिछाना अमृतकाल है या अन्यायकाल? प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि इसी असंवेदनशील और किसान विरोधी रवैये ने 750 किसानों की जान ली थी. किसानों के खिलाफ काम करना, फिर उनको आवाज भी न उठाने देना - कैसी सरकार का लक्षण है?
'किसान देश की सरकार के पास नहीं आयेंगे तो कहां जाएंगे?'
कांग्रेस नेता प्रियंका ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "किसानों से किया वादा पूरा नहीं किया गया. किसानों के लिए न न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का कानून बनाया गया और न ही किसानों की आय दोगुनी हुई है. फिर किसान देश की सरकार के पास नहीं आयेंगे तो कहां जाएंगे?"
देश के किसानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों?
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए यह भी कहा, "देश के किसानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है. आपने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा क्यों नहीं करते?"
किसानों के रास्ते में कील-काँटे बिछाना अमृतकाल है या अन्यायकाल?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 11, 2024
इसी असंवेदनशील एवं किसान विरोधी रवैये ने 750 किसानों की जान ली थी। किसानों के खिलाफ काम करना, फिर उनको आवाज भी न उठाने देना - कैसी सरकार का लक्षण है?
किसानों से किया वादा पूरा नहीं किया- न MSP का कानून बनाया, न… pic.twitter.com/xdTUVQr3yz
मार्च में करीब 200 से ज्यादा किसान संगठन शामिल होंगे
दरअसल, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम ने फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत कई मांगों को स्वीकार करने को लेकर केंद्र पर दबाव के मद्देनजर 'दिल्ली चलो' कार्यक्रम की घोषणा की गई है. इस मार्च में करीब 200 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं. सरकार ने उनके प्रस्तावित दिल्ली चलो मार्च से एक दिन पहले 12 फरवरी को दूसरे दौर की चर्चा के लिए आमंत्रित भी किया है.
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