(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Farmers Protest: सरकार ने 177 सोशल मीडिया अकाउंट और वेब लिंक को किया ब्लॉक, बताई ये वजह
Farmes Protest: आंदोलनकारी किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन सहित कई मांग कर रहे हैं.
Farmer Protest: किसान आंदोलन के बीच सरकार ने विरोध प्रदर्शन से जुड़े करीब 177 सोशल मीडिया खातों और वेब लिंक को अस्थायी रूप से ‘ब्लॉक’ करने का आदेश दिया है. सूत्रों ने यह मंगलवार (20 फरवरी, 2021) को जानकारी दी.
सूत्रों ने बताया कि यह आदेश इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के अनुरोध पर आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) अधिनियम की धारा 69ए के तहत 14 और 19 फरवरी को जारी किए. सूत्रों ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय के अनुरोध पर 177 सोशल मीडिया खातों और वेब लिंक को अस्थायी रूप से ‘ब्लॉक’ करने के आदेश जारी किए गए हैं. ’’
सूत्रों ने क्या कहा?
सूत्रों ने बताया कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, स्नैपचैट और कुछ अन्य सोशल मीडिया मंचों के खातों और लिंक को ‘ब्लॉक’ करने का आदेश दिया गया है. सूत्रों ने आगे कहा कि किसान आंदोलन खत्म होने के बाद इन खातों को बहाल किया जा सकता है.
किसान नेताओं ने केंद्र का प्रस्ताव किया खारिज
पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान डटे हुए हैं. किसान नेताओं ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक दाल, मक्का और कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को सोमवार को खारिज कर दिया. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा के शंभू बॉर्डर पर कहा, ‘‘हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए.’’
पंधेर ने कहा, ‘‘हम 21 फरवरी को 11 बजे दिल्ली के लिए शांतिपूर्वक कूच करेंगे. ’’ दरअसल किसानों के साथ वार्ता के बाद, तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों के एमएसपी पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव दिया था. तीन केंद्रीय मंत्रियों - पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय की समिति ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था.
किसानों की क्या मांग है?
किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने , 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.