Farmers Protest: किसानों ने रोका दिल्ली मार्च, दिया 7 दिनों का अल्टीमेटम! दलित प्रेरणा स्थल पर मौजूद रहेंगे 3 हजार प्रदर्शनकारी
Farmers Protest: दिल्ली में और अधिक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि किसान संगठन 6 दिसंबर से मार्च शुरू करेंगे.
Kisan Andolan: किसानों के "दिल्ली चलो" मार्च से पहले दिल्ली-नोएडा सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स को पुलिस ने हटा दिए, जिसके बाद आज सोमवार (02 दिसंबर, 2024) की शाम नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर यातायात की आवाजाही फिर से शुरू हो गई. आंदोलनकारी किसान गौतम बुद्ध नगर प्रशासन के साथ चर्चा के बाद विरोध प्रदर्शन को रोकने और स्थल खाली करने पर सहमत हुए.
प्रशासन ने किसानों से 7 दिनों का समय मांगा जो किसानों की ओर से दे दिया गया है लेकिन अब किसानों ने अपने रुकने की, खाने पीने की और सोने की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है. इससे पहले किसान संगठनों के सदस्यों की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा से दिल्ली की ओर मार्च शुरू करने के बाद दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर भारी ट्रैफिक जाम और कड़ी सुरक्षा देखी गई. भारी ट्रैफिक जाम के कारण दिल्ली-नोएडा सीमा पार करने वाले यात्रियों को असुविधा हुई.
क्यों दिल्ली आना चाहते हैं किसान?
भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा ने रविवार को किसानों के लिए नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग को लेकर मार्च की घोषणा की थी. इसे किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम), संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य किसान संगठनों ने समर्थन दिया. दिल्ली में और अधिक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि किसान संगठन 6 दिसंबर से मार्च शुरू करेंगे. केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु के किसान संगठन भी उसी दिन संबंधित विधानसभाओं की ओर प्रतीकात्मक मार्च निकालेंगे.
किसानों ने बॉर्डर पर ही कर ली रहने और खाने-पीने की व्यवस्था
दिसंबर की सर्द रात से लड़ना है और मांगों को लेकर डटे रहना है लिहाजा किसानों के दलित प्रेरणा स्थल पर रात बिताने के लिए गद्दे, रजाईयां लाई जा रही हैं. खाने पीने की व्यवस्था को देखते हुए बड़े-बड़े ड्रम, बर्तन आ गए हैं. करीब 2 से 3 हजार किसानों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. महिला किसानों का कहना है कि किसानों की कितनी भी संख्या क्यों न हो सबके लिए खाना बनाया जाएगा, तैयारी पूरी हैं. महिला किसानों के सोने के लिए व्यवस्था खुले आसमान के नीचे नहीं, बल्कि गेट के पास बने चबूतरे के पास की गई है.
शाम 4 बजे खोला गया रास्ता
किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर नोएडा से लगी सभी सीमाओं को छावनी में तब्दील कर दिया गया. किसानों को रोकने के लिए नोएडा में ही 5000 से ज्यादा पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया. पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सभी वाहनों की जांच करने के बाद ही उन्हें आगे जाने दिया तो वहीं बैरिकेड लगा कर कई घंटों तक आवाजाही को बाधित किया. शाम करीब 4 बजे तक नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे रास्ते को खोला गया और बैरिकेड हटाए गए. नोएडा से दिल्ली आने वाले सभी रास्तों पर लंबा जाम देखने को मिला.
किसानों ने दिया अल्टीमेटम
किसानों ने फिलहाल अल्टीमेटम दिया है कि अगर 7 दिन तक किसानों की बात को और मांगों को नहीं माना गया तो किसान संगठन दिल्ली कूच करेंगे. किसान नेताओं का कहना है कि प्रशासन ने 7 दिन का समय मांगा था जोकि किसानों की ओर से दिया गया है. 7 दिन के लिए आंशिक रूप से धरना, प्रदर्शन दलित प्रेरणा स्थल पर जारी रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों की प्राधिकरण, पुलिस और जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ बीते दिन यमुना प्राधिकरण के ऑफिस में हुई वार्ता का कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला था. किसानों की मांगों पर अब भी शासन की ओर से निर्णय लिया जाना है. लिहाज़ा वार्ता के किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के कारण किसान नेताओं ने दिल्ली कूच का प्लान बरकरार रखा है.