दिल्ली की ओर किसानों का हल्ला बोल, पुलिस ने बॉर्डर पर रेत से भरे ट्रकों को किया तैनात
दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर 6 कंपनी फ़ोर्स को तैनात किया है. जिनमें लगभग 300 पुलिसकर्मी शामिल हैं. इतना ही नहीं इन पुलिसकर्मियों में सीआईएसएफ के जवान भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगरानी सख्त कर दी. पुलिस ने कहा कि सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों द्वारा संचालित ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है. हालांकि हरियाणा की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों का दिल्ली कूच जारी है. रास्ते में राज्य पुलिस किसानों को रोकने और तितर बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का भी इस्तेमाल कर रही है.
यह पहला मौका है जब शहर की पुलिस ने सीमा पर रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है. पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है, लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं. इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था.
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि अगर वे कोविड-19 महामारी के बीच किसी भी सभा के लिए शहर में आते हैं तो विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली बॉर्डर पर फोर्स की 6 कंपनी तैनात
दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर 6 कंपनी फ़ोर्स को तैनात किया है. जिनमें लगभग 300 पुलिसकर्मी शामिल हैं. इतना ही नहीं इन पुलिसकर्मियों में सीआईएसएफ के जवान भी शामिल हैं. पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. इतना ही नहीं पुलिस ने एहतियातन आसपास के गांव के जरिये दिल्ली में दाखिल होने वाली सड़को पर भी फ़ोर्स लगाई है.
प्रदर्शन के लिए तैयार किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं. अपनी अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं. इस बीच, अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने और उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए उन पर पानी की बौछार की गई.
हरियाणा में अंबाला के सादोपुर बॉर्डर पर पुलिस ने दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया. किसान पुलिस बैरिकेड को हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने ये कदम उठाया.
किसान गुरुवार को दिल्ली पहुंचने वाले हैं. किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ट्रेनें गुरुवार को दोपहर दो बजे तक पड़ोसी शहरों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार नहीं करेंगी. दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कहा कि इस अवधि में आनंद विहार से वैशाली और न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर तक कोई मेट्रो सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी.
सुल्तानपुर और गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशनों के बीच बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक मेट्रो सेवा उपलब्ध नहीं होगी. हालांकि, इसी अवधि के दौरान हवाई अड्डे और रैपिड मेट्रो लाइनों पर नियमित मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी.
पुलिस ने ट्वीट कर कहा था कि शहर में ऐसी किसी भी सभा के लिए अनुरोध अस्वीकार कर दिए गए हैं. पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ने ट्वीट किया था, “किसान संगठनों के 26 और 27 नवंबर को दिल्ली के लिए मार्च के संबंध में..... 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के संबंध में विभिन्न किसान संगठनों से प्राप्त सभी अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया गया है और आयोजकों को इसकी सूचना पहले ही दे दी गई है.”
उन्होंने कहा, "कृपया दिल्ली पुलिस का सहयोग करें कि कोरोना वायरस के बीच दिल्ली में कोई सभा न हो, ऐसा ना होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी."
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा था कि विभिन्न किसान संगठनों ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया था. हमने उन्हें लिखित रूप से और विभिन्न मीडिया के माध्यम से भी अवगत करा दिया है कि डीडीएमए के नवीनतम दिशा-निर्देशों को देखते हुए विरोध-प्रदर्शनों की अनुमति नहीं है. स्थिति बेहतर होने पर वे उचित अनुमति मांग सकते हैं और दिल्ली में विरोध जताने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं. अभी के लिए, उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग करें और किसी भी प्रकार के विरोध में शामिल न हों.
सिंघल ने कहा था कि अगर हमारी अपील के बावजूद वे दिल्ली की ओर रुख करते हैं तो उनके खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जसमीत सिंह ने कहा, “हमारा मुख्य ध्यान गाजीपुर सीमा, चिल्ला सीमा और डीएनडी पर होगा. वहां पहले से ही पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती है और चौबीसों घंटे जांच होगी. अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है. पुलिस जिले की अन्य छोटी सीमाओं की भी जांच करेगी.
पुलिस ने बताया कि सभी सीमाओं पर पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है. पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘‘हमने जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया है. अर्धसैनिक बलों की आठ टुकड़ियां सीमाओं पर पुलिस की सहायता करेंगी.”
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'संयुक्त किसान मोर्चा' गठित किया है.
मोर्चा के संचालन में समन्वय स्थापित करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है.